ईसाई धर्म के प्रचार के लिए बेल्जियम से भारत आकर यहां की नागरिकता स्वीकार करने वाले, हिन्दी को अपनी माँ, राम को अपना आदर्श और तुलसी के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाले डॉ. फादर कामिल बुल्के (1.9.1909- 17.8.1982) रामकथा पर गंभीर शोध करने वाले पहले अनुसंधित्सु हैं. ‘रामकथा –उत्पत्ति और […]

कामदा के घर जन्मा था राजलक्ष्मी का राजदुलारा भारत मां को आजादी देने जेल गया आंखों का तारा बचपन मे सब पोल्टू कहते बड़े हुए तो प्रणव हो गए पढ़ाई लिखाई में अव्वल रह लिपिक से बैरिस्टर हो गए पत्रकार बने,प्राध्यापक बने राजनीति में भाग्य आजमाया विधायक, सांसद,मंत्री पद राष्ट्रपति […]

तीन लोग संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे और नारे लगा रहे थे एक कह रहा था हमें मंदिर चाहिए दूसरा कह रहा था हमें मस्जिद चाहिए और तीसरा कह रहा था हमें रोटी चाहिए कुछ वर्षों के बाद मंदिर वाला और मस्जिद वाला संसद के भीतर दिखने लगा […]

तेरा आशीष पाकर, सब कुछ पा लिया हैं। तेरे चरणों में हमने, सर को झुका दिया हैं। तेरा आशीष पाकर …….। आवागमन गालियां न हत रुला रहे हैं। जीवन मरण का झूला हमको झूला रहे हैं। आज्ञानता निंद्रा हमको सुला रही हैं। नजरे पड़ी जो तेरी, मेरे पापा धूल गए […]

गुरु से शिक्षा गुरु से दीक्षा, गुरु सब धन की खान रे । गुरु जैसा नहिं दूजा कोई, बात हमारी मान रे ।। गुरु के चरणों में जन्नत है, मुख पर वेद पुरान रे । शास्त्र शस्त्र विज्ञान ध्यान सब, गुरुवर की पहचान रे ।। जो भी गुरु के द्वारे […]

मातृभाषा ने किया माँ हिन्दी का पूजन इंदौर। विश्वव्यापी कोरोना काल में हिन्दी माह को हिन्दी महोत्सव के रूप में मनाने के लिए इंदौर में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आज माँ हिन्दी के पूजन से महोत्सव का आरम्भ किया। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, राष्ट्रीय कवि मुकेश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।