हिन्दी है माथे की बिंदी, इसका मान बढ़ाएंगे. हम सब भारतवासी मिलकर इसे समृद्ध बनाएंगे.. #विनोद बंसल **लेखक विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं Post Views: 29

इनदिनों खबर आ रही है कि देश के कई इलाके में लोग घर में बैठे-बैठे पत्नी से लड़ रहे हैं। इसलिए देश के गृहस्थी मंत्रालय ने पति हित में एक निर्देश जारी किया कि पत्नी से लड़ों, मगर पत्नी वायरस के योद्धाओं से नहीं। पत्नी की ढाल के लिए उनके […]

हिंदी ने बदल दी, प्यार की परिभाषा। सब कहने लगे मुझे प्यार हो गया। कहना भूल गए, आई लव यू। अब कहते है मुझसे प्यार करोगी। कितना कुछ बदल दिया, हिंदी की शब्दावली ने। और कितना बदलोगें, अपने आप को तुम। हिंदी से सोहरत मिली, मिला हिंदी से ज्ञान। तभी […]

हिंदी हमारी मातृभाषा कराती अमृत सा रसपान हरेक दिल की धड़कन हिंदी हिंदुस्तानी करें अभिमान कोटि कोटि कंठों में बसती हिंदी प्यारी हिंद की शान देती रहे सदा माँ जैसा समृद्धि सफलता का वरदान । समृद्ध साहित्य निधि धारिणी अर्जित हुई वैश्विक पहचान वाचन लेखन है वैज्ञानिक स्वभाषा गौरव का […]

मधुशाला साहित्यिक परिवार द्वारा हिंदी साहित्य के प्रचार -प्रसार हैतु हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कलम चलने दो भाग – 3 ई – साझा संकलन का विमोचन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। कलम चलने दो के सम्पादक दीपेश पालीवाल ने बताया कि इस संकलन में देश भर के […]

भारत की आन है हिन्दी, मान है हिन्दी, हर “हिन्दुस्तानी” की पहचान है हिन्दी। नाजों से हैं पली – बढ़ी शुचिता इसकी, भावों की अभिव्यक्त में रसखान है हिन्दी। ऊर्दू , कन्नड़, तमिल, मराठी हर भाषा-भाषी, करूण, वीर, वात्सल्य का गुणगान है हिन्दी। हिन्दी के आँचल में, पले – बढ़े […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।