सुना है तेरे शहर की आबोहवा शैतान बन गई, शाहीन बाग़ की लोमड़ियां अब किसान बन गई। मिली नहीं कोई जगह जब किसी शहर में उनको, दिल्ली शहर में आकर जबरदस्ती मेहमान बन गई। घुसने नहीं दिया जब किसी मंदिर मस्जिद मे उनको, किसानों के बीच बैठ कर उनकी भगवान […]

आज वैश्वीकरण और उदारीकरण की नीतियों के तहत उपभोक्तावाद का बुरा प्रभाव युवाओं को पड़ा है । लड़कियां चाहे या ना चाहे उन्हें एक न एक दिन इस बाजार का हिस्सा होना पड़ेगा। एक तरफ वे अपनी जम्हूरियत नागरिक एक कर्ता के रूप में समाजयात पहचान बनाने की लड़ाई लड़ […]

मैं नारी हूं मैं नारी की , करुण व्यथा सुनाती हूं। हजारों दर्द सहकर भी, सदा मैं मुस्कुराती हूं। मैं नारी हूं…… मां की कोख से मेरा , सुनो जब से हुआ उदगम। ना पाया है सुकून मैंने, पिए हैं आंसू ही हरदम। मैं नारी हूं……….. खबर सुनकर बेटी की, […]

सड़क पर किसानों का डेरा है किसानों की जिंदगी में अंधेरा है कृषि कानूनों पर विश्वास नही फ़सल का मिलता वाज़िब दाम नही न्यूनतम मूल्य प्रावधान लाओ किसान का भविष्य सुरक्षित बनाओ किसान की आवाज़ सुननी ही होगी सरकार को गर्दन झुकानी ही होगी सरकार को मनमानी भारी पड़ेगी गुस्से […]

क्यों भारत तुम बन्द करते हो, क्यों आफत तुम मोल लेते हो। अपने को भी तुम कष्ट देते हो, दूसरो को भी तुम कष्ट देते हो। तुम तो देश के अन्नदाता हो, भारत के भाग्य विधता हो। क्या मिलेगा भारत बन्द करने मे, केवल नफरत के बीज बोते हो। तुम […]

प्रेस-विज्ञप्ति – कलिंगा लिटररी फेस्टिवल – केएलएफ भाव संवाद में दिसंबर माह के आगामी सत्रों में होंगे प्रख्यात अर्थशास्त्री और लेखक मेघनाद देसाई, डॉ. बिबेक देबरॉय और चिंतक राम माधव। केएलएफ भाव संवाद बनेगा रेबेलियस लॉर्ड, ‘महाभारत सीरीज, बिकाउज इंडिया कम्स फर्स्ट, ‘द अवस्थीस ऑफ अम्नागिरी, रेबेल्स विद आ कॉज’ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।