माँ शारदा को नमन नमन करूँ चहुं ओर चारो दिशाएं प्रकृति सभी गुरु सभी  ओर                  🏼 प्रथम गुरु है माँ मेरी दूजे पिता महान जिन्होंने ये जीवन दिया और दिया सब ज्ञान । गुरु फिर आये जीवन में समझाया सब सार चलना […]

जो मन से गुरूर को दूर करें वो गुरु,,  जो मन में रब का सुरूर भरे वो गुरु,,  जो मन में अलख जगाए वो गुरु,,  जो सही रास्ता दिखाएं वो गुरु,, जो अच्छों से सोहबत दे वो गुरु,,  जो रब से मोहब्बत दे वो गुरु,, जो हृदय में संस्कार जगा […]

बहुत कठिन है वास्‍तविक होना कठिन ही नहीं असंभव है वास्‍तविक होना वास्‍तविक हम या तो बचपन में होते हैं या अपने जीवनसाथी के पास होते हैं असल में जीवनसाथी के पास भी वास्‍तविक होने में बहुत से पहलू रह जाते हैं अपने बच्चों व माता-पिता के समक्ष पूरी तरह […]

एक विवाहिता जिसने विवाहित जीवन की शुरुआत में ही अपने सुहाग को खो दिया उसके मन के भाव नैनो में सजाये थे कुछ ख्वाब समय की ठोकर ने उन सपनो को चकनाचूर किया ज़िंदगी ने ही मुझे वक़्त न दिया कुछ सहेज लू कुछ समेट लू कुछ बातो को दिल […]

गुरु पूर्णिमा पर विशेष ………. माता-पिता हैं प्रथम गुरु जिनसे होता जीवन शुरू । ज्ञान, ध्यान की साधना से जीवन को संवारते हैं गुरु ।। ज्ञान-कौशल को तराशकर शिखर पर पहुंचाते हैं गुरु । सदा सही राह पर चलना सिखलाते हैं धरा पर गुरु ।। पूर्णिमा की चांद की तरह […]

मेरी अच्छाई ही मुसीबत है मेरी जहर पीने की बुरी आदत है मेरी मेरी आहों को अहसास बना लेता किसी खुदा की अब चाहत है मुझे दुश्मनों को साथ लिए फिरते हैं आले दर्जे की मोहब्बत है मेरी जो मिलता है, अपना लगता है फरिश्तों की ही सोहबत है मेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।