मित्र वही जो निभा सके समय पर काम आ सके सगो से भी निकट रह सके अपनत्व खुशबू बिखेर सके गरीबी अमीरी का भेद न हो जाति धर्म का छेद न हो विश्वास कभी डगमगा न सके मित्र की बुराई भा न सके मित्र को सद्ऱाह दिखा सके विकार उसके […]

चेहरा भूल जाओगे तो,  शिकायत नहीं करेंगे। नाम भूल जाओगे तो,  गिला नहीं करेंगे। और मेरे दोस्त, दोस्ती कि कसम है तुझे। जो दोस्ती भूल जाओगे, तो कभी माफ़ नहीं करेंगे। ख़ुशी से दिल, आबाद करना मेरे दोस्त। और गम को दिल से  आज़ाद करना। हमारी बस इतनी,  गुजारिश है […]

अच्छे बादल सच्चे लगते ! इधर उधर मतवारे उडते !! सूरज को ढकने फिर आते ! झुंड बना कर दौड़ लगाते !! आपस में देखो टकराते ! दाँत भींचते फिर लड़ जाते !! रिमझिम रिमझिम पानी बरसे ! बादल मन धरती पर तरसे !! आओ मिलकर साथी खेलें ! बादल […]

हरित धरा हो सारी, तरुण गिरि शृंगारी, मीत गीत शीत संग, झूमें पुरवाइया। तरु खग वन्य जीव, रट रहे पीव पीव, तीज पर्व वृक्षों पर झूलती कुमारियाँ। आएँ मन भावन जो, भाए मन सावन वो, दूर होवे तब सब, मन से दुस्वारिया। खेत व फसल प्यारी, वृक्ष रोपि मेड़ क्यारी, […]

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के गाँधी अध्ययन केन्द्र और हिन्दी अध्ययनशाला के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित त्रि-दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का शुभारंभ वाग्देवी भवन स्थित राष्ट्रभाषा सभागार में हुआ। संगोष्ठी का आयोजन ‘महात्मा गाँधी : भाषा, साहित्य और लोक संस्कृति […]

आज विद्यालय आते हीं शोभना की नजरें 26जनवरी की ईंचार्ज मैडम कलावती को ढूँढ रही थी।मैडम कलावती भी शोभना से नजरें चूरा रही थी जैसे उनकी कोई गलती पकड़ ली गई हो। मध्यांतर के बाद आखिर शोभना को मैडम मिल हीं गई।उसने बिना देर किए पूछ दिया-“मैडम बस मुझे इतना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।