हूँ जो कुछ भी आज मैं, श्रेय में देता हूँ उन शिक्षकों। जिन्होंने हमें पढ़ाया लिखाया, और यहां तक पहुंचाया। भूल सकता नहीं जीवन भर, मैं उनके योगदानों को। इसलिए सदा में उनकी, चरण वंदना करता हूँ ।। माता पिता ने पैदा किया। पर दिया गुरु ने ज्ञान। तब जाकर […]
तन मन धन सब, मैने तुझको दे दिया। दिल मेरा बस्ता हैं, आज भी हिंदुस्तान में। कैसे मैं भूल जाँऊ, अपने हिंदुस्तान को। पैदा हुआ जहां मैं, वो हिंदुस्तान है।। कितनी पावन भूमि, हिंदुस्तान की हैं। कण कण में जहां, बसतें भगवान जो। कितने देवी देवताओं ने, जन्म यहां लिया। […]
पास बैठो और सुनो बस एक खनकता गीत मेरा।। जीवन समर बहुत है मुश्किल, बाधाओं की हाट लगी है। दुनिया रंग बिरंगी लेकिन, होती देखी नहीं सगी है। इसीलिए गाता अफसाने, रूठ गया क्यों मीत मेरा। एक खनकता गीत मेरा।। मैं तो सच्चे मन का सेवक, खूब समझता पीर पराई। […]
तेरी आँखों से ही कोई रास्ता निकल आए सही नया पुराना कहीं कोई वास्ता निकल आए सही तलाश मंज़िल की बाकी तो है , फिर क्या हुआ तेरी ज़ुल्फ़ों से शायद गुलिस्तां निकल आए सही मेरे इंसान होने में अब भी थोड़ा भरम है तो सही तेरी जुस्तजू से मेरा […]
फुदक-फुदक कर नाचती चिड़िया, दाना चुंगकर उड़ जाती चिड़िया | हरी-भरी सुंदर बगिया में, मीठे-मीठे गीत सुनाती चिड़िया | अपने मिश्रीघुले बोलों से बच्चों का मन चहकाती चिड़िया | नित मिल-जुल कर आती, आपस में नहीं झगड़ती चिड़िया | प्रेमभाव से रहना सिखलाती, बहुत बड़ी सीख देती नन्हीं चिड़िया | […]
कर्मो की गठरी बांध के सिर पर, भटक रहे है भवसागर में। आत्मकल्याण के बारे में, कुछ नही हम कर रहे हैं।। करते रहे फरेब जीवन भर, लूटते रहे तुम लोगो को। क्या तुमने खोया है लोगो, क्या तुमने यहाँ पाया है। खुद का आकंलन खुद तुम करो। सत्य तुम […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।