. १. वेणी मिलती संगम में सरित, कहें त्रिवेणी धाम! तीन भाग कर गूँथ लें, कुंतल वेणी बाम! कुंतल वेणी बाम, सजाए नारि सयानी! नागिन सी लहराय, देख मन चले जवानी! कहे लाल कविराय, नारि इठलाती चलती! कटि पर वेणी साज, धरा पर सरिता मिलती! . २. कुमकुम माता पूजित […]

मेरी मोहब्बत ने मुझे, लिखना सीखा दिया। लोगो के मन को, पढ़ना सीखा दिया। बहुत कम होंगे जो मुझे, पढ़ने की कोशिस करते होंगे। वरना जमाने वालो ने तो, मरने को छोड़ दिया था। न धोका हमने खाया है, न धोका उसने दिया है। बस जिंदगी ने ही एक, नया […]

प्राची के तट से उठकर दिनकर मुस्काये। खग कुल ने मधुरस में भींगे गीत सुनाये।। कर्मवीर चल पड़े सपन को पूरा करने। जिससे जितना हो सम्भव,पर पीड़ा हरने।। अगर उठे हो ऊपर तो सूरज बन जाओ। होकर धुर निष्पक्ष धरा रौशन कर आओ।। सागर बनने की इच्छा यदि मन में […]

यूनेस्को ने 21 फरवरी को ‘मातृ भाषा दिवस’ मनाने का निश्चय करने के बाद भारत सरकार ने भी इसका फरमान जारी किया है और इसके आयोजन के निर्देश दिए हैं. शैक्षिक संस्थानों द्वारा आयोजित किए जाने वाले कृत्यों की सूची में अब यह भी शामिल है. ऐतिहासिक रूप से यह […]

कलियुग की विदाई का आभास है शिव रात्रि अंधकार से प्रकाश का आगाज़ है शिव रात्रि ज्ञान के सूर्योदय की मधुर बेला है शिव रात्रि शिव के अवतरण की मधुर याद है शिव रात्रि शिव परमात्मा नमः का उदघोष है शिवरात्रि पतित से पावन बनाने की शुभ घड़ी है शिवरात्रि। […]

जन्म के समय जो मिली वही भाषा होती महान मातृभूमि जितनी पावन मातृभाषा को भी जान मातृभाषा ह्रदय की भाषा सरल सबसे उसको जान अभिव्यक्ति में सशक्त बहुत लेखन में भी प्रबल जान मातृभाषा ईश्वरीय भाषा उसी में पाओ प्रभु का ज्ञान जन्म की भाषा हिंदी है दुनिया मे बस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।