कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में श्रीकृष्ण ने जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। जैसा गीता के शंकर भाष्य में कहा है- तं धर्मं भगवता यथोपदिष्ट वेदव्यासः सर्वज्ञोभगवान् गीताख्यैः सप्तभिः श्लोकशतैरु पनिबन्ध। गीता में १८ अध्याय और 700 पठनीय एवं […]

विन्रमता का स्वभाव रखिए अहंकार को त्यागकर रखिए व्यक्तित्व खुद निखर जाएगा यश,कीर्ति बल आ जाएगा झुकने से ही बड़ा बनता है झुकने वाला ही निखरता है जो झुके नही अभिमानी है देहभान में वह अज्ञानी है निरहंकार में रहकर तो देखो दुसरो के आगे झुककर देखो आप ही श्रेष्ठ […]

शहीदों की कहानी याद है आँख में वो पानी याद है भूल पाएंगे नही कुर्बानियां जोश उनका जवानी याद है शहादत को सत सत नमन अब तलक निशानी याद है अमर हो गए,मर सकते नही की है हमपे मेहरबानी याद है आँसु को कोई रोक पाया नही शोक में है […]

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से साभार सुषमा स्वराज की हिन्दी पर बड़ी शानदार पकड़ थी. उनकी हिंदी में तत्सम शब्द अधिक होते थे. फिर भी उनकी भाषा बनावटी नहीं लगती थी. विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने अपने एक चर्चित भाषण में सितम्बर 2016 में संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में […]

द्वितीय पुण्यस्मरण इमारत की बुलंदियों और ऊँचाई का एक महत्वपूर्ण और कारक तत्व उसकी नींव होती है, वही नींव जो इमारत का भार भी खुद ही ढोती है और सदैव इमारत की सफलता की मंगल कामना भी करती है, किन्तु कभी कोई शिकायत नहीं रखती। आज इंदौर वैश्विक फलक पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।