आवाज़ देकर मुझे मत बुलाओ। में किसी और कि अब हो चुकी हूँ। पहले में तुम पर बहुत मरती थी। पर तुम किसी और पर तब मरते थे।। मेरी सांसो में तब तुम बसते थे। पर तुम्हारी सांसो में कोई और बसता था। पर अब में किसी और कि सांसो […]

लोकतांत्रिक सरकार के तीन अंग हैं = विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इनमें न्यायपालिका की अहम एवं सशक्त भूमिका रहती है। लोकतंत्र की सफलता मजबूत और स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित होती है। इस के लिए सजग और सतर्क रूप से न्याय व्यवस्था का विकास करने की आवश्यकता होती है। न्यायपालिका की […]

पहले, समय नही मिलता क्या करू अब,समय नही कटता क्या करू भूल गए थे हम उस नियंता को जिसके हाथो में है डोर हमारी नचाता है वह हमको बारी बारी पहले,समय के अभाव में भूले रहे अब,समय होने पर याद नही कर रहे सच में कितने स्वार्थी हो गए हम […]

बहुत उलझन में हूँ!रस्ते भटक रहे है अब!कंकड़ियां सवाल कर रही मुझसेजवाब किसी गुफ़ा में चले गए हैनदी में समुद्र कूद रहा है मौन सापौधे पेड़ो से करते है चतुराईबहुत उलझन में हूँ!रस्ते भटक रहे है अब!शोर ने ताला लगा दिया मौन परउलझने दिमाग से करे शिकायतवहस ज़िन्दा निगल रही […]

जाति जाती ही नहीं बहुत हैं गहरी इसकी जड़ें जिसे नित सींचा जाता है उन लोगों द्वारा जिनकी कुर्सी को मिलता है स्थायित्व जाति से जिनका चलता है व्यवसाय जाति से जिन्हें मिला है ऊंचा रुतबा जाति से जिन्हें परजीवी बनाया जाति ने वे चाहते हैं उनकी बनी रहे सदैव […]

-डा जियाउर रहमान जाफरी ये जब तक उनमें बीमारी रहेगी सियासत की तरफदारी रहेगी हम उसमें ढूंढते ही सच रहेंगे वो बातें सिर्फ अखबारी रहेगी ग़रीबों से कहां का वास्ता है तुम्हारी बस अदाकारी रहेगी रहेंगे जब तलक नस्लों के झगड़े जहां तक हो महामारी रहेगी दिखाएंगे भला हम क्या […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।