न किस्सों में न कश्तियों में,जिन्दगी खूबसूरती है रिश्तों में।किसे पता था वक्त ऐसा भी आएगा,जब इंसान इंसान से दूरियां बनाएगा।खुदको भगवान समझ लिया था,मौत के फैसले खुद लिख रहा था।कुदरत का कहर तो देखो अब,मौतके डरसे  खुद छुपा बैठा है।बहुत घमंड था उसे अपनी शक्तियों पर,जिससे दुनियां का बादशाह […]

यह जानकर प्रसन्नता होती है कि जब शिक्षा में कोई नवाचार आए और बच्चों के लिए सुलभ तरीका उपलब्ध करा दें। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए डॉ दशरथ मसानिया ने हमारे वेदों की पुरानी वाचिक परंपरा को पुनर्जाग्रत किया है और गणित ,अंग्रेजी, हिंदी जैसे विषयों को भी […]

‘‘डाक्टर साब आपके घर से फोन आया है आपका बेटा बीमार है’’ । नर्स ने बहुत देर तक डाक्टर साहब के फरुसत हो जाने की राह देखी थी पर वे फुरसत हो ही नहीं पा रहे थे । एक मरीज जाता तो दूसरा आकर उनके सामने बैठ जाता । डाक्टर […]

नित प्रगति की राह पर विग्यान रोशन हो, आपका भी ख्वाब और अरमान रोशन हो, ओ पुजारी दीप- दीवाली और वतन के, जलाओ दीप ऐसे कि हिन्दुस्तान रोशन हो।। खरीदें दीप माटी के तो रज का मान बढ़ जाये, स्वदेशी की धरा धारा और सम्मान बढ़ जाये, जलायें दीप खुशियों […]

माया मोह में जो भी फंसा परेशानियों मे वही धंसा माया मोह बड़ा विकार है मिलती इनसे दुत्कार है मन की कमजोरी आती है अपनो को गुलाम बनाती है माया मोह विवेक हर लेती काम न कोई नेक करने देती स्वार्थ इनका अंधा बनाता भाग्य भी कोई साथ न देता […]

दीप जलाओ तुम सब। करो अंधकार को दूर। रोशनी कर लो मन में। इस दीपाली पर।। घर का कचड़ा साफ करो। मन को करो तुम शुध्द। जग मग कर दो गली मौहल्ले और अपना घर। दिलो में खुशीयाँ भर दो, इस दिवाली पर ।। खुशीयाँ घर घर जाकर। देते जाऊ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।