पहली बार कन्नड़ भाषा की किताब को मिला सम्मान नई दिल्ली। भारत की कन्नड़ भाषा की लेखिका बानू मुश्ताक़ को साल 2025 का बुकर सम्मान मिला है। यह पहली बार है जब कन्नड़ भाषा की किताब को यह सम्मान मिला है। बानू मुश्ताक़ ने यह इतिहास अपनी कहानियों की किताब […]

इन्दौर। मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने मातृभाषा उन्नयन संस्थान के मुख पत्र मासिक ‘साहित्य ग्राम’ के मई 2025 अंक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, उपाध्यक्ष दीपक […]

1.हिंदी को मान दिलाना होगा नाद ब्रह्म है, शब्द ब्रह्म है, अखिल विश्व में आत्म ब्रह्म है। वाणी है प्रतिबिम्ब हृदय का हवन कुंड जलाना होगा। वाणी का सामर्थ्य बढ़ाकर राष्ट्र को सबल बनाना होगा।। एक देश हो, एक धर्म हो, जन-जन का बस एक लक्ष्य हो। भाषाई वैमनस्य भुलाकर […]

इंदौर। श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में कालजयी साहित्यकार 111 वाँ पोस्टर लोकार्पित किया। कार्यक्रम कीसंयोजिका डॉक्टर पदमा सिंह ने जायसी के विषय में बताते हुए कहा कि वह भक्ति जल थी प्रेम सही शाखा के महान सूफी संत कवि थे उनके काव्य में लौकिक प्रमाण ज्ञान अलौकिक रहमान […]

एक चुटकी सिंदूर उड़ा दुश्मन चकनाचूर, पीछे हटने को हुआ कैसे वो मजबूर! किसने नाम है पाक दिया? काम सभी नापाक, दूर नहीं है अब दिन वो, पूरा होगा ख़ाक। फैले हुए हैं पाक में आतंकी अड्डे, ख़ुद ही क़ब्रों में जाने खोद रहे गड्ढे। दुश्मन के मुँह पर आया […]

एक आम भारतीय के दृष्टिकोण से यह कहना बहुत उम्दा है कि भारत की सरकार ने समझौता किया और अमेरिका के दबाव में कदम पीछे लिए किन्तु जब इसे अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष्य, युद्धनीति और वैश्विक विवशताओं के साथ जोड़कर देखेंगे तो निःसंदेह इसका दूसरा पक्ष भी है, जो जल्द ही सामने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।