● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ साहित्य उत्सवों का नाम बदलकर मौज मस्ती उत्सव कर देना ज़्यादा सार्थक और असरदार है क्योंकि इससे साहित्य के भीतर की मलीनता पनपने से बचेगी और साहित्य के नाम पर जनता से छलावा नहीं होगा। जाड़े का मौसम आ चुका है और हर बार की […]

क्या मजबूरियां भी जेनेटिक होती हैं? मुझे तो ऐसा ही लगता है क्योंकि आज मैंने अपने बच्चे की आंखों में उन्हीं सपनों को डूबते-उतराते देखा जिन्हें मैं अपने बचपन में कई बार पूरी तरह डूबो चुका हूँ। अर्द्धेन्दु भूषण इन्दौर, मध्यप्रदेश लेखक वर्तमान में दैनिक प्रजातंन्त्र के सम्पादक और स्तम्भकार […]

संस्मय प्रकाशन भी होगा विश्व पुस्तक मेले में शामिल इस बार मेले में इन्दौर का संस्मय प्रकाशन भी हिस्सा लेगा, जहाँ संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों को भी विक्रय के लिए रखा जाएगा। नौ दिनों तक नियमित आयोजन होंगे, लेखकों से मुलाक़ातें होगी, इन्दौर व आसपास के भी लेखकों की […]

इन्दौर। शहर इन्दौर उत्सवधर्मी शहर है, जिसमें देश का पहला सोशियो-कल्चर फेस्टिवल लिट् चौक इस वर्ष भी दिसंबर माह में होने जा रहा है। प्रजातन्त्र व मृत्युंजय भारत ट्रस्ट द्वारा आयोजित लिट् चौक में प्रस्तुति के लिए रविवार को डेस्टिनी कैफ़े, प्रेस कॉम्प्लेक्स में ऑडिशन चौक का आयोजन दोपहर 1 […]

इंदौर। ‘अपणो मालवो ‘के सचिव अभिमन्यु शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि साहित्यकार प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र नाथ शुक्ल की लघुकथाओं की सातवीं अनूदित कृति “मालवी-हिंदी लघु कथाएं” जिसका अनुवाद मालवी बोली पर समर्पित हेमलता शर्मा ‘भोली बेन’ ने किया है, उसका लोकार्पण दिनांक 19 नवंबर 2022, शनिवार, को हिंदी […]

ब्रह्माकुमारी में मीडिया परिसंवाद आयोजित इंदौर। मूल्यनिष्ठ मीडिया वहीं है जो लोगों को शांति और संतुष्टता देता है। जो सूचनायें बेचैनी देती है और शांति छिनने की कोशिष करती है, वे मूल्य नहीं है। राष्ट्र निर्माण में मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिये संचार माध्यमों को बहुत सजग और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।