कुछ कहता है सावन, मेरे मन के आँगन मे, साजन से तेरा मिलन करा दू क्या दोगी मुझे निछावन मे. मैं एक ऐसा सावन हूँ, तेरे तन मे अग्नि लगाता हूँ मैं ही तेरे साजन को बुलाकर तेरे तन की प्यास बुझाता हूँ सावन मे ही तुमको मैं कोयल की […]
‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के तत्वावधान में दिनांक 10 अक्तूबर, को सायं 4.15 बजे से ‘हिंदी, इसकी बोलियां और अष्टम अनुसूची’ विषय पर वैश्विक ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के निदेशक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, वैश्विक हिंदी सम्मेलन की संयोजक डॉ. सुस्मिता भट्टाचार्य, वरिष्ठ पत्रकार और भारतीय […]
