डीएम ऑफिस से आने के बाद से ही दीपमाला बहुत दुखी और परेशान थी। वह आईने के सामने खड़ी होकर अपने ढलते यौवन और मुरझाए सौंदर्य को देखकर बेतहाशा रोए जा रही थी। ऐसा लग रहा था मानो वह आईने से कह रही हो कि तुम भी लोगों की तरह […]
मैडम कोरोना जिसका रोना सारा विश्व रो रहा है, देश-विदेश में अपने तूफानी जलवे बिखेर कर भारत में पिछले तीन-चार महीनों से डेरा डाले हुए है और भरपूर कोशिश में है कि यहाँ पर भी उसका जलावा चले, उसका साम्राज्य कायम हो, लेकिन भारत सरकार द्वारा उसे हर तरह की […]
किसी के दर्द में अब आँसू बहाता है कौन… अगर कोई गिर जाये तो उठाता है कौन? थिरकते पैरों में बांध देते हैं घुंघरू अब जिम्मेदारियां उठाता है कौन? माँ – बाप हुए बूढ़े – कभी छोटे के यहाँ तो कभी बड़े के यहाँ… उनके दर्द को समझता है कौन? […]
जो इंसानों को सिर्फ, काम से ही जानते। उनके नामो से वो, नहीं रखते है मतलब। काम से काम तक, ही रखते है मतलब। ऐसे इंसानों को, आप क्या कहेंगे? जो सिर्फ कामों को, ही सराहते है। और अपनी इंसानियत, व्या तक नही करते। फिरभी श्रेष्ठ समाज में, ये ही […]
इक्कीस दिन सह लिया उन्नीस दिन ओर सहेंगे अभी तक घर पर रहे उन्नीस दिन ओर रहेंगे घर का चूल्हा कैसे जले यह भी तो बतलाना था जिनको वेतन नही मिलता उनको जतन समझाना था मजदूरों का हाल बुरा है रोजी रोटी ठप्प हो गई घर मे खाने को दाने […]
संसार का सार्वभौमिक नियम है परिवर्तन और इसी परिवर्तन के कारण ही संसार संचालित भी है। दशकों पहले जब मनोरंजन के संसाधन सीमित थे तब न तो टेलीविज़न था न ही अन्य कोई संसाधन, तब नुक्कड़ नाटकों, मैदानों में होने वाली रामलीला, मेले, हास्य मंच व कवि सम्मेलनों की दुनिया […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।