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रात बहुत हो गई, चल अब सुबह होने दे… चलना कहाँ है अभी, सोच तो लेने दे। चल देंगे सुबह जल्दी, जहाँ मंजिल बुला रही होगी, होगी कोई आवाज़ ऐसी, जो हमें अपनी ओर बुला रही होगी….। जरूरी तो नहीं ,जहाँ बादल छाए रहें, वहाँ हर बार बारिश ही होगी….. […]

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माँ, सुनता हूँ तुम सुंदर थी, पर देखी नही तुम्हारी सुंदरता.. सिवाय, हथेलियों पर उभर आई बर्तन के खुरदरेपन के , याधुँधुआते चौके से मूँदी तुम्हारी आँखों के। माँ, तुम गाती भी हो?.. कभी सुना नहीं तुम्हारा गाना, सिवाय लोरी के.. जो मुझे सुलाने के लिए गाती थी। माँ, तुम […]

ज़िंदगी एक बहुत खूबसूरत सफ़र, ज़िंदगी ईश्वर का अनमोल उपहार। ज़िंदगी है सुख-दुःख का संग़म , इसमें है मिलन-जुदाई की सरग़म । हैं अपने साथ,तो है हर पल मेला, नही तो है मुश्किलों का सिलसिला। किया जो अच्छा, तो मिला काम, बड़ी मेहनत के बाद पाया मुकाम। कहीं तो है […]

हमें याद रखना चाहिए कि,अँग्रेजी को शेक्सपियर की भाषा के रूप में जानने के बहुत पहले, हमें उसे ईस्ट इंडिया कंपनी की भाषा के रूप में जानना और सीखना पड़ा था। ‘ईश्वर,मेरे मित्रों से मेरी रक्षा करना, क्योंकि शत्रुओं से तो मैं स्वयं निपट लूँगा।’कभी वोल्टेयर,तो कभी नेपोलियन बोनापार्ट के […]

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मन क्यों हुआ यूँ विचलित, ये कैसी हैं बेचैनी ? कौन हूँ मैं,क्या कहूँ खुद को, पूछा जब ये सवाल खुद से.. तो अंतर्मन मेरा बोल पड़ा, है अज्ञानी, ज्ञान नहीं है। साहित्य की अभी पहचान नहीं है, अ ब स से होगी शुरुआत, करो दॄढ़ खुद को, हो जाओ […]

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आज ‘वेलेन्टाईन डे’ है यार,कोई मस्त लव स्टोरी सुना..अरे!कहाँ खोई है अंकिता? बोल न कुछ,चल बता क्या हुआ ? अंकिता ने कहा-‘कुछ नहीं रिया, मैं ठीक हूँ। रिया-‘देख ! अंकिता,तू अपनी माँ की कड़वी बातों को दिल पर न ले,एक दिन उनकॊ पक्का पता चलेगा कि उनकी बेटी कितनी टेलेंटेड […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।