स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। ज़रा रुककर सोचिए…। क्या हो रहा है…? इसके पीछे का मकसद क्या है…? यह क्रूरता आखिर क्या चाहती है…? इनको संरक्षण कौन दे रहा है…? इसके पीछे कौन लोग हैं…? यह फंडिग कहाँ से आ रही है…? ऐसे बहुतेरे सवाल हैं जिसका जवाब तो सरलता […]

एक बार फिर इसी सप्ताह विश्व हिंदी दिवस का आगाज होने जा रहा है। वर्ष 2006 से प्रत्येक वर्ष दस जनवरी को भारत के विभिन्न दूतावासों और केंद्रीय सरकार के कार्यालयों आदि में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। विभिन्न हिंदी सेवी संस्थाएँ भी इस दिन हिंदी के […]

यह सत्य है कि राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी सदैव ही सियासत की रूप रेखा को नए रूप-रंग में गढ़ने का प्रयास करते हैं। ऐसा इसलिए कि प्रत्येक राजनेता अपने सियासी समीकरण को अपने हित के अनुसार पूरी तरह से ढ़ालने का प्रयास करते हैं जिसमें प्रत्येक प्रकार के सियासी […]

जैसे किसी गन्ने को चरखी में से चार बार गुजारने के बाद उसकी हालत होती है, या किसी भी पतरे की अलमारी को गोदरेज की अलमारी कहने की तर्ज पर पानी की हर बोतल को बिसलरी कहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा पूरी बोतल गटकने के बाद उसे मरोड़ मरोड़ कर […]

कितने ही कड़वे अनुभव देकर साल 2020 बीत गया… इसके शुरुआती कुछ महीनों को छोड़ दें तो लगभग पूरा साल ही भय, असमंजस और आशंकाओं से भरा रहा… जिंदगी जैसे ठहर सी गई… कामकाज ठप, आवाजाही बंद और सब अपने अपने घरों में कैद… हर कोई बेरोजगारी, पलायन, बीमारी, अकेलेपन, […]

कृषकों, मजदूरों और आमजनों की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ आम आदमी की तरह सहज, सरल-शैली, व्यक्तित्व और जन-रागात्मकता से युक्त ठेठ देशी अंदाज में अपनी बात रखने वाले गौरीशंकर बिसेन का बचपन से ही गांव की माटी व शहरों की गलियों से गहरा नाता रहा। शोषित, वंचित और पीड़ितों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।