देश में नित नये नियमों की बौछार हो रही है। कानून पर कानून बनाये जा रहे हैं। कहीं यातायात नियमों में आशातीत परिवर्तन तो कहीं टैक्सों में बेताहाशा वृध्दि। दलगत राजनीति की मजबूती हेतु सत्ताधारी दलों व्दारा खजाने को लुटाने की होड़ लगी हुआ है। चंद स्थानों को समूचे क्षेत्र […]

देश के सामने एक नया सवाल आकर खडा हो गया। क्या किसानों को एक नया जुझारू नेता मिल गया। क्या किसानों को फिर अपनी जुबान मिल गई। यह बड़ा सवाल है। क्योंकि देश में किसानों की हिस्सेदारी कितनी है यह इस बात से समझा जा सकता है कि आज हम […]

मशहूर कहावत है “ढाई कोस पास पर पानी बदले और ढाई कोस पर वाणी” यह कहावत बिल्कुल सटीक है- क्योंकि कानपुर से लखनऊ ज़्यादा दूर नहीं है लेकिन भाषा बिल्कुल अलग है। लखनऊ में उर्दू मिक्स अवधी बोली जाती है तो कानपुर में एकदम रौबदार कनपुरिया जो आजकल बॉलीवुड को […]

गणतंत्रीय गरिमा के प्रभुत्व से आलौकिक, जन के तंत्र के साथ मज़बूती से सामंजस्य बनाता भारत का संविधान और एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित शक्तिशाली राष्ट्र भारत सन् 1950 में जब भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ, तब से ही संघर्ष की […]

समस्या में समाधान ढूढना मौकापरस्तों की फितरत होती है, चाहे मौका कुछ भी हो ऐसे लोग अपनी कुत्स‍ित महारत दिखाई देते है। बदस्तुर आज सारा विश्व कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, लोग बेमौत मारे जा रहे है, इस बीच कुछ सूझ नहीं रहा है। उसमें से एक उम्मीद की […]

पाकिस्तानी उर्दू अखबार जमींदार के सम्पादक मौलाना जफ़र अली खाँ ने एक बार किसी नौसिखिये शायर से आज़िज़ होकर उसे समझाते हुए कहा था- तोड़ता है शायरी की टांग क्यों ऐ बेहुनर, शेर कहने का सलीका सीख मेला राम से। सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में दीपोके गाँव में 26 जनवरी 1895 […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।