पुस्तक समीक्षा – सच , समय और साक्ष्य  शिवना प्रकाशन , सीहोर । मूल्य – 175 ₹  कोमलता से चुभन का यथार्थ एहसास कराती हैं शैलेन्द्र की कविताएं बैंक प्रबंधक के पद पर रह कर वित्तीय आंकड़ों में उलझते- सुलझते सेवानिवृत हुए प्रेम और मानवीय संवेदनाओं के कुशल चितेरे कवि […]

 मैं अमूमन समीक्षाएँ कम लिखता हूँ । कारण यह है कि काफी संख्या में मिले पुस्तकों में से अगर किसी एक पर लिखता हूँ तो दूसरे साथी सोचेंगे कि उनकी पुस्तक में क्या कमी है ! बात सच भी है । वर्षों की साधना से लिखे किसी पुस्तक को कुछ […]

एडुक्रिएशन पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित डा. स्वयंभू शलभ की पाँचवी किताब ‘कोई एक आशियाँ’ को एमेजॉन, गूगल बुक्स और बुक्स कैमेल ने ईबुक और पेपरबैक दोनों रूप में विश्वभर के पाठकों के लिए उपलब्ध करा दिया है। इस मौके पर डा. शलभ ने प्रकाशक एवं वितरक के प्रति अपना आभार व्यक्त […]

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अहिन्दी भाषी क्षेत्र गुजरात के सुरेंद्र नगर में यदि किसी साहित्यकार और सम्पादक का नाम ससम्मान और प्रमुखता से लिया जाता है तो वे हैं – श्री पंकज त्रिवेदी जी । वे गुजराती बहुल क्षेत्र में हिन्दी का परचम लहराते हुए हिन्दी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने […]

पुस्तक समीक्षा………………. किसी भी विधा में लेखन हो उसका भावनाओं से गहरा सम्बंध होता है फिर यहां तो सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह – कहाँ हो तुम की लेखिका का नाम ही भावना है ! उनकी विविध भावनाओं की अभिव्यक्ति ही इस संग्रह को सार्थकता , पठनीय और अपने पुस्तकालय में […]

जीवन में सामान्य सफलता के लिए समान्यत: बौद्धिक क्षमता को ही सर्वोतम योग्यता स्वीकार किया जाता है और भावनात्मक संतुलन के गुण की अनदेखी की जाती है, लेकिन आजकल के जटिलतम समाज में किसी भी क्षेत्र की सफलता के लिए अधिक सारगर्भित भूमिका भावनात्मक संतुलन की ही अधिक है| भावनात्मक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।