इन्दौर। अज्ञेय के चौथा सप्तक के कवि, हिन्दी गौरव व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के संरक्षक राजकुमार कुम्भज का बावनवां कविता संग्रह ‘बारिश में झरते हैं शब्द’ आ चुका है। हिन्दी में नई कविता आन्दोलन के प्रखर समर्थक राजकुमार कुम्भज के अब तक बावन कविता संग्रह आ चुके हैं। श्री कुम्भज […]

यदि आप कविता लिखते हैं तो सावन ऋतु के उपलक्ष्य में मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए कविता लेखन प्रतियोगिता। विशेष कविता प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें सावन / व्रत / त्यौहार या उनसे जुड़े विषय पर अपनी कविता लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट […]

भोपाल। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की पुरस्कार योजना वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2021 के अखिल भारतीय और प्रादेशिक पुरस्कारों का अलंकरण समारोह 25 जुलाई, 2023 को रवीन्द्र भवन, भोपाल में आयोजित है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के मुख्य […]

संघर्ष का दूसरा नाम कविता- सूर्यपाल सिंह शब्दों की विरासत है कविता – डॉ. प्रेरणा ठाकरे इन्दौर। कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष निमित्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान व डॉ. कुँअर बेचैन स्मृति न्यास, ऑस्ट्रेलिया द्वारा काव्य कुँअर व काव्य दीप सम्मान समारोह का आयोजन शनिवार को इन्दौर प्रेस क्लब में सम्पन्न हुआ। […]

जन्म जयंती विशेष: ✍🏻 डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ यश का फैला हुआ घना वन यदि किसी औषधि को आमंत्रण देता है, कवि सम्मेलनों की आत्मा कहीं कोई पुकार देती है, शब्द जहाँ कहीं भी सुमधुर तान छेड़ते हैं, तो हाइकु और ग़ज़ल कभी एक जगह क़िस्सागोई करते हुए मिलें, कभी […]

नीमच। कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष के निमित्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी कवि सम्मेलन परम्परा के महनीय हस्ताक्षरों को स्वर्णाक्षर सम्मान से सम्मानित किया जाता है, इस कड़ी में नीमच की डॉ. प्रेरणा ठाकरे को शनिवार को इन्दौर प्रेस क्लब में सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।