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आज भी रोज की तरह सुप्रिया काम कर रही है। बाहर बारिश हो रही है और अब उसके पढ़े-लिखे पति यानी श्री वर्मा की पीएचडी के कारण उम्र निकल जाने से एक निम्न घर की लड़की सुप्रिया(खुद)से विवाह होता है। वो हर रोज सुप्रिया को ताना मारते हैं और खुद […]

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राम भरोसे और नयनसुख के बीच प्रगाढ़ मित्रता की खबरें इंटरनेट पर वायरल हो चुकी थीं। इसे देखकर दोनों मित्रों में स्वयं की सर्वश्रेष्ठता का बीज अंकुरित हो गया। दोनों में ‘सर्वश्रेष्ठ कौन ?, के लिए एक लंबी बहस चली,और फैसला फैसबुक पर लाइक-अनलाइक की संख्या से हुआ। जब ऊंचे […]

वैसे तो अठारहवीं सदी से ही महिलाओं की दीन-हीन दया को लेकर कुछ सुधारवादी लोगों ने चिंता व्यक्त करना शुरु कर दी थी,पर चार लोगों की आवाजे इतने बड़े देश में कौन सुनता है,पर उन्होंने स्त्री मन के किसी कोने में यह आशा जगा दी थी कि, तुम भी इस […]

घर की माली हालत ठीक नहीं थी।अकेले पिता की कमाई से पूरा नहीं पड़ता था,तो तय हुआ कि माँ भी काम करे। सो माँ को काम तो मिल गया थोड़े प्रयास के बाद,परंतु बाहर जाना पड़ा ट्रेनिग के लिए..तो अब घर की सारी जिम्मेदारी नन्हीं अरुणा के नाजुक कंधों पर […]

उस दिन शर्मा जी के यहाँ बहुत चहल-पहल थी। ऊपर वाले गेस्ट रूम की सफाई हो रही थी। दीवारों पर कौन -सा रंग लगाया जाए,इस बात पर बहस हो रही थी और हो भी क्यों न, तीन साल बाद उनका बेटा सिद्धान्त जो आ रहा था जर्मनी से।मिसेज शर्मा ने […]

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हरा गाउन पहने हुए नंगे पैर,सिर ढँका हुआ,यह कौन चला जा रहा है वो भी इस वीरान रेगिस्तान में.. वो भी इतनी रात को। उस शख्स को दूर से देखा,स्पष्ट कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था,पर इतनी रात को ऐसी जगह पर कोई क्यों आया है ? उत्सुकतावश उसका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।