एक बहुत बड़े संत का धार्मिक आयोजन हो रहा था। पूरे शहर में पोस्टर-बैनर पटे पड़े थे। बहुत बड़ा यज्ञ था। सारे मंत्री-विधायक यज्ञ की देख-रेख में लगे थे। हर दिन लाखों मिट्टी के शिवलिंग बनाकर शिवार्चन हो रहा था। आसपास के खेतों से टनों मिट्टी लाई जा रही थी। […]

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पूरा परिवार इकट्ठा हो पतंग उड़ा रहा थां,पतंग उड़ाते-उड़ाते पत्नी की ओर एक मासूम-सा सवाल आया-रिश्ते भी माँझे की तरह होना चाहिए न…? इतने ही मजबूत…है न…? ‘नहीं प्रिये…!’ जवाब भी मजबूत था। माँझे की तरह नहीं,रेशम की तरह…l ‘क्यों…? रेशम तो कितना नाजुक होता है न ?’ ‘हाँ…! मगर […]

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सुना था और हमेशा देखा भी था कि, नाम का असर व्यक्ति के चरित्र पर पड़ता है। आज भी वही सच देखा। ‘प्रीति’,परिवार की छोटी ही नहीं, बल्कि चार बहनों और एक भाई में दूसरे नम्बर की है। माँ,भाई के जन्म के दो माह बाद स्वर्गवासी हो गई। सभी भाई-बहनों […]

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प्रकरण 1-आज बेटी के चेहरे पर चोट के निशान देख कुछ शंका हुई। बिना बताए उसके ट्यूशन वाले कमरे में कैमरा लगवाया। अगले दिन देखने पर दंग रह गई कि,ट्यूटर बच्ची को पीट रही थी बेदर्दी से। तुरंत पुलिस बुलाकर ट्यूटर को अंदर कराया और नई तकनीक को धन्यवाद दिया […]

  फूंऊं.ऽ… ऽ… ऽ… ऽ… ऽ… ऽ… ऽ…यह शंख की  आवाज़ थी-न सिर्फ मंदिर से डूंगा के कान तक,बल्कि गांव के कोने-कुचाले तक पसरी और लंबी। गंधहीन और अदृश्य। ध्वनि भी क्या! बस,शंख के पिछवाडे़ में फूंकी एक लंबी फूंक,जो शंख के मुंह से ऊंचा स्वर लिए,तेजी से बाहर निकली […]

ये क्या ? आप अभी तक न्यूज़ पेपर लेकर बैठे हैं, चलिए उठिए मार्केट जाइए और जो लिस्ट दी है,वो सामान लेकर आईए। अरे शुभ्रा तुम …छोड़ो मेरा न्यूज़ पेपर, क्या दुश्मनी है तुम्हें इससे। पढ़ने दो भई। देखिये शर्मा जी मुझे और गुस्सा मत दिलाइए,आज मेरा बेटा,बहू,मेरे पोते- पोती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।