रमाबाई गुजर गईं । इस समाचार को जिसने भी सुना वह ही आश्चर्य में पड़ जाता ‘‘ऐसा कैसे हो सकता है भला……अभी चार-पांच दिन पहिले तक स्कूल में काम कर रही थी वह बीमार भी नहीं थी फिर अचानक कैसे गुजर गई । सभी का आश्चर्य उस समय और बढ़ […]

अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ चुकी थी, परंतु मयंक अपनी पढ़ाई को छोड़ मोबाइल व लैपटॉप पर गेम खेलने में मस्त था | गेम खेलने से समय बचता तो उसे टेलीविजन पर कार्टून, सीरियल देखने में निकाल देता | देर रात तक इलेक्ट्रिक दुनिया में खोया रहकर सुबह देर से जागता, […]

गांव की सरहद पर ही उसने ड्रायवर को गाड़ी रोकने का बोल दिया था । उसकी गाड़ी के रूकते ही साथ वाली अन्य गाड़ियां भी रूकती चली गई थीं । चपरासी ने गाड़ी का दरवाजा खोल दिया था । उसके गाड़ी के नीचे उतरते ही सुरक्षा जवानों ने उसे कव्हर […]

‘‘अब और पैदल नहीं चला जा रहा है माॅ’’ राजू ने जैसे ही अपनी लड़खड़ाती जवान से बोला सरिता के चलते हुए कदम ठिठक गए । इसके पहिले भी राजू उससे दो तीन बार बोल चुका था कि वह थक गया है और उससे चला भी नहीं जा रहा है […]

छुटकी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था । उसे उधार खरीदकर लाई गई सस्ती लाल साड़ी पहना दी गई थी, जो लोग, मिहिलाल के लिए कफन लेकर आये थे वे ही साथ में लाल साड़ी भी ले आये थे और लाल चूड़ियां भीं । हाथों में चूड़ियां और […]

चर्र-चूं’’ की आवाज निकालता दरवाजा उसने खोला था । उसे उम्मीद थी कि ‘‘शेरू’’ दरवाजे पर ही मिल जाएगा । उसका अनुमान सही निकला । दरवाजे की आहट पाकर शेरू चैतन्य हो गया था । आज दो दिनों के बाद दरवाजा खुला था । वो दिनों से यूं ही भूखा-प्यास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।