कैसे मनाऊं मै आज ये होली, रंग कर रहे हैं आज ठिठोली। सीमा पर जो सैनिक शहीद हुए हैं, तिरंगा ओढ़ कर जो घर आए हैं। केसरिया सफेद या हरा रंग चढ़ाऊं प्राणों की आहुति देकर जो आए है। अब भी बोल रहे है भारत मां की बोली, कैसे मनाऊं […]

जब सुरक्षित तरीको से होली मनाओगे। कोरोना के सभी रंग फीके पड़ जाएंगे।। होली की खुशियों को न करो तुम बदरंग। घर में रहकर सबको लगाओ तुम रंग।। खुशियों से भर दो अपने की तुम झोली। अपने घर में रहकर मनाओ तुम होली।। होली में अगर तुम घर से बाहर […]

जप ले प्रभु का नाम तू बन्दे , मत कर तू झूठा अभिमान बन्दे। झूठी है ये काया,झूठी है ये माया, मत कर तू इस पर गुबान बन्दे।। न कुछ लाया था,न कुछ ले जायेगा, मरने के बाद यही सब रह जायेगा। किसके लिए ये कुछ जोड़ रहा तू बन्दे, […]

जो ग़मगीन चेहरे है,रंगीन रंग भर दो उनकी झोली में | कोई भी उदास न रहे,इस गुलाल रंगो से भरी होली में || बंद है जो बुजुर्ग घरो में,इस कमीने कोरोना काल में | उनके साथ होली खेलो,खुश रखो उनको हर हाल में || रूठे है जो दोस्त तुमसे,गुलाल लगाओ […]

जल है तो भविष्य उज्जवल है, जल नहीं तो केवल कल कल है। कल के लिए जब जल बचाओगे, तभी तुम अपना भविष्य बचाओगे।। जल ही तो केवल जीवो का जीवन है, वरना जल बिन जीवन का मरण है। अगर विश्व में जल कल नहीं होगा, भविष्य निश्चित अंधकार में […]

देखा है जबसे तुमको,ये दिल धड़कने लगा है। मिलन हुआ है जबसे,ये दिल समझने लगा है।। लगी है आग दोनों तरफ,कैसे बुझाए इसको। ये आग का शोला तो,अब भड़कने लगा है।। नशा होता है प्यार मे,इसकी हमको खबर न थी। बिन पिये ही दोनों का मन अब बहकने लगा है।। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।