सन् 2019के लोकसभा चुनाव के दौरान से भारत में एक शोर सा चारों ओर से राजनेताओं के द्वारा लगातार किया जा रहा है न्यू इंडिया , न्यू इंडिया का। हम सभी को 15 अगस्त 1947 से प्राप्त आजादी शायद अब बहुत बूढ़ी और पुरानी हो गई है ।अब उसका भी […]

समाज का एक आम नागरिक अपने ही जातिवर्ग के सामाजिक-राजनैतिक संगठन की मार झेलने को मजबूर है। जिसका मूल कारण है, समाज के पढ़े-लिखे विद्वानों का मौन रहना ओर दबंगों द्वारा किए जा रहे अत्याचार को जबरिया सहन करना। किसी विद्वान-ज्ञानी ने क्या ख़ूब कहा है -: परिवार और समाज […]

हमारे सनातन धर्म में कहा गया है लड़की का सुहागन होना और ससुराल में होना शुभ है ,और संस्कारिक मर्यादा भी।लेकिन आज कल के माॅम डैड ने इसे वर्बाद कर रखा है।सबसे ज्यादा विकट स्थिति का माध्यम फोन का घंटो तक आदान प्रदान होना।जिस किसी घर में ऐसी बीमारी लगी […]

देश के सभी नागरिकों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। खास करके उन नागरिकों को जोकि ग्रामीण इलोकों में रहते हैं। क्योंकि शहरी इलाका तो कोरोना की चपेट में आ चुका लेकिन देश में सुरक्षित समझा जाने वाला इलाका जिसको ग्रामीण भारत कहते हैं। वहाँ भी कोरोना ने अपनी […]

समस्त टीकाकरण केंद्रों पर प्रभारियों को टीकाकरण हेतु 1 बैकअप लिस्ट बनाकर रखना चाहिए जिसमें टीका लगवाने वाले ऐसे फ्रंटलाइन वर्कर, समाजसेवी, पत्रकार, युवाओं के नाम व मोबाइल नम्बर हो। जैसा कि हम जानते है, वैक्सीन का 1 डोज़ निकलने पर 10 लोगों को वैक्सीन लग सकती है। यदि दिवस […]

कोरोना काल ने हमें मानव सभ्यता का वह अमानवीय दृश्य दिखाया है जिसे हमारी सभ्यता क्रूर कहती है।नदियों में बहती लाशें, रेतो में दफन लाशें, जिसका अंतिम संस्कार तक नहीं हुआ आखिर ये लाशें कैसे आयी? और कहाँ से आयी? यह विषय नही हो सकता हां यह जरूर हो सकता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।