इन दिनों प्रायः देश के किसी-न-किसी भाग से गांव में घुस आए बाघ,हाथी आदि जंगली जानवरों की चर्चा होती रहती है। बस्ती के आसपास मित्र की तरह रहने वाले कुत्ते और बंदरों का आतंक भी यदा-कदा सुनने को मिलता रहता है। कुछ राज्य सरकारें इनकी नसबंदी करा रही हैं। इससे […]

 (बाल दिवसपर विशेष) प्यारे बच्चों, बहुत-बहुत प्यार,आप सभी को `बाल दिवस` की ढेरों शुभकामनाएं। ये दिन आपके लिए ही बनाया गया है-खूब खेलो,मस्ती करो,साथ ही थोड़ा पढ़ो भी। आप जितने बड़े होते हो,उसी अनुसार दुनिया का आकलन करते हो,जबकि आपके माता-पिता अपनी उम्र और अनुभवों के आधार पर दुनिया देखते […]

सर्पदंश को तात्कालिक समस्या मानना बेईमानी है,यह दीर्घकालिक भीषण आपदा है। चपेट में आए दिन सैकड़ों लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। खासतौर पर बारिश और खेती-किसानी के समय सर्पदंश की अप्रिय घटनाएं ज्यादा बढ़ती है। ऐसे मौसम में एहतियात बरतने की खासी जरूरत है। वीभत्स,सर्पदंश से […]

प्रकृति ने हमें जन्म दिया है तो जिंदा रहने के साधन भी भरपूर दिए हैं। अगर हम प्रकृति के साथ तालमेल बैठा कर चलते तो आज हम भी सुखी और स्वस्थ होते और ये वसुंधरा भी खुश होकर हम पर यूं ही वरदान लुटाती रहती, किन्तु मानव की हर एक […]

हिन्दी को प्रचलित तौर पर माथे की बिंदी कहा जाता है। जिस तरह सही बिंदी लगाने मात्र से नारी का व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है,ठीक उसी तरह हिन्दी भाषा के शुद्ध प्रयोग से साहित्य और हमारे लेखन की महत्ता भी बढ़ जाती है लेकिन आज देखने में यह आ रहा है कि इसके मूल […]

शिक्षा की भाषा,दैनंदिन कार्यों में प्रयोग की भाषा,सरकारी काम-काज की भाषा के रूप में हिन्दी को उसका जायज गौरव दिलाने के लिए अनेक प्रबुद्ध,हिन्दीसेवी और हितैषी चिंतित हैं और कई तरह के प्रयास कर रहे हैं,जनमत तैयार कर रहे हैं। समकालीन साहित्य की युग-चेतना पर नजर दौड़ाएं तो यही दिखता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।