‘‘भैया………आज……….कुल्फी बच जायेगीं तो मुझे दोगे क्या…….बहुत भूख लगी है…………ये देखो………..देखो न भैया’’ सूरज ने आशा भरी निगाहों से अपने बड़े भाई को देखा था । बड़ा भाई रमेश मौन था । वह एक हाथ में कुल्फी का डिब्बा पकड़े थे और एक हाथ से अपने भाई की उंगली पकड़े […]

2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव राजनीतिक विश्लेषक अक्सर यह कहते आये है कि देश की सत्ता उत्तरप्रदेश से होकर जाती है हो भी क्यों ना। 80 लोकसभा सांसद व 31 राज्यसभा सांसद देने वाला उत्तरप्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। जिसकी बागडोर वर्तमान में एक प्रखर नेतृत्व करने वाले सन्यासी […]

21वीं सदी मानव विकास की गगनचुंबी विकास की कहानी की सदी जिसमें चारों ओर गगनचुंबी इमारतें, बड़े-बड़े कार्यालय ,लंबी चौड़ी चमचमाती सड़कें जिन पर सरपट भागते और हवा से बात करते वाहन , रात का अंधेरा भी दिन के उजाले की तरह जगमगाता है ,कुछ समय में एक देश से […]

स्वभाव से हर व्यक्ति एक गीतकार होता है। जैसा कि कवि भर्तृहरि ने लिखा है कि “साहित्य संगीत कला विहीनः, साक्षात् पशु पुच्छ विषाण हीनः। तृणं न खादन्नपि जीवमानः, तद्भागदेयं परम पशुनाम्।।” हर मनुष्य में एक स्वाभाविक कवि बसता है, एक कलाकार रहता है, एक संगीतज्ञ तान छेड़ता है। यह […]

जीवन के बदलते मायने एक बार फिर पुरातन संस्कृति और संस्कारों की ओर बढने लगे हैं। व्यक्तिगत दूरी से लेकर अभिवादन तक के ढंग बदलने लगे हैं। आपसी व्यवहार के तरीकों से लेकर खानपान की रुचियां तक ने नये परिधान पहिन लिये हैं। दिनचर्या के अनुशासन आज प्रकृति के अनुरूप […]

एक ना टूटने वाला सम्बन्ध “पर्यावरण का मानव से, मानव का पर्यावरण से” दोनो एक दूसरे के पूरक यह प्रायः हम सभी जानते हैं लेकिन फिर भी हमारी पर्यावरण के प्रति उदासीनता जगजाहिर है। मानव जीवन प्रकृति पर निर्भर है ।प्रकृति से मिलने वाली पाँच तत्व जिससे हमारा शरीर भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।