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एक दौर था,जब साहित्य प्रकाशन के लिए रचनाकार प्रकाशकों के दर पर अपने सृजन के साथ जाते थे या फिर प्रकाशक प्रतिभाओं को ढूँढने के लिए हिन्दुस्तान की सड़कें नापते थे,परंतु विगत एक दशक से भाषा की उन्नति और प्रतिभा की खोज का सरलीकरण `सोशल मीडिया` के माध्यम से हुआ […]

उपभोक्ता दिवस(24 दिसम्बर) पर विशेष…. उपभोक्ताओं को सुझाव है कि,जब भी वे बाजार में खरीदारी करने जाएं तो दुकानदार की चिकनी-चुपड़ी बातों के भ्रमजाल में न फंसकर जो वस्तु आप खरीद रहे हैं उसको खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच कर लीजिए। जांच के लिए वस्तु की निर्माण कम्पनी […]

आज इंटरनेट यानि अंतरजाल के माध्यम से कहानियां, कविता,उपन्यास, संवाद,ग्रंथ, समाचार पत्रिका,ई-बुक्स एवं ई-पत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत करने के साथ-साथ हिंदी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया है। आप कविता या कहानी लिखते हों,तो आज के कवि या लेखक को अंतरजाल चलाना पहले ही चलाना सीखना होगा,क्योंकि अपनी रचनाएं लाखों लोगों […]

     वर्तमान का विज्ञान पर केन्द्रित युग,इलेक्ट्रानिक मीडिया,दूरदर्शन व अन्य चैनलों के अकल्पनीय विज्ञान धारावाहिक, कामिक्सों पर सही दृष्टिकोण बाल साहित्यकार ही बालकों के समक्ष अपने सृजन के माध्यम से रख सकता है। आज का बालक सीधा,सरल अथवा जो कुछ कहो,सो मानने वाला नहीं हैं। वह प्रमाण चाहता है। उसने अपने […]

सामान्यतः नीतिगत विचारों को,उसके सिद्धान्तों को व्यवहार में अपनाना ही नैतिकता कहलाता है। यह नीतिगत विचार और सिद्धान्त,देशकाल,समय तथा परिस्थितियों के अनुसार सबके लिए अलग-अलग हो सकते हैं। जब इनमें भिन्नता आती है तो उसे अनैतिकता का नाम दे दिया जाता है। विचार करें तो पाते हैं-किसी के लिए भी […]

       जीवन में सफल होना तो सब चाहते हैं,और उसके लिए कई उपाधियां भी लेते हैं,किन्तु केवल उच्च शिक्षा एवं अनगिनत उपाधियां जीवन की सफलता को निर्धारित नहीं कर सकती हैI जीवन में बड़े उद्देश्य पाने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाना बहुत आवश्यक हैI लक्ष्य के बिना व्यक्ति इधर- उधर भटकता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।