मीडिया देश का चौथा स्तम्भ माना जाता है। वह चाहे तो देश के लिए नकारात्मक प्रचार भी कर सकता है और चाहे तो सकारात्मक भूमिका भी निभा सकता है। मीडिया ही है जो सरकार से देश के हित के लिए उचित कानून बनवाने में योगदान दे सकता है।आज विलुप्त होती […]

  प्रत्येक मीडिया भाषा के बिना अधूरा है। भाषा ही मीडिया को वाङ्मय एवम् प्रचालमान बनाए रखती है। मीडिया समाज का एक ऐसा माध्यम है, जो पारिवारिक स्तर से लेकर वैश्विक स्तर तक समाज को समाज से परिचित करवाने का श्रमसाध्य कार्य करता है। भाषा उसके इस कार्य में संगिनी […]

वर्त्तमान समय में जिस तरह से हिंदी भाषा के उठान के लिए सोशल मिडिया ने जो कार्य किये है वो बहुत ही सराहनीय है। जिसके कारण आज सरे विश्व में हिंदी भाषा को सराहा जा रहा है। भारतीय संस्कृति का मूल आधार है हमारे देश की भाषा। आज देश में […]

(राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर विशेष) संविधान के प्रावधानों से इतर लोकमानस में चौथे स्तंभ के तौरपर स्थापित प्रेस आज भी अन्य स्तंभों से ज्यादा विश्वसनीय, सहज और सुलभ है। समस्याओं से घिरा आम आदमी सबसे पहले अखबार के दफ्तर में जाकर फरियाद करता है। थाने, दफ्तरों और भी सरकरी गैर […]

कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की निर्मम हत्या का अर्थ क्या है ? यह हत्या उस समय की गई है जबकि रमजान का पवित्र त्यौहार चल रहा है। ईद आने को है। क्या इस हत्या को इस्लामी कहा जा सकता है ? क्या यह इस्लाम का सम्मान है ? […]

यह विचित्र संयोग रहा कि,सात साल बाद विगत मार्च में जब मेरा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में जाना हुआ तब राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने अंतिम चरण में थे। इस बार जुलाई के प्रथम दिनों में ही फिर प्रदेश जाने का संयोग बना,तब देश के दूसरे प्रदेशों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।