आया है ख़त मीत का, मुझे सुकून से पढ़ने दो। आ रहे परदेशी सजनवा, तैयारी मुझको करने दो। सतरंगी चूड़ी पहनकर, मुझे प्रीत के गीत गाने दो। आ रहे वो मेरे साजन, मेंहदी मुझको लगाने दो। रंग–बिरंगी चूड़ियों के संग, कंगना मैं तो पहनूॅंगी। मंगलसूत्र पहनकर मैं तो, सिंदूरी माॅंग […]
काव्यभाषा
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