मय्यत में मेरी तुम सभी चले आना, भूले से भी न तुम आँसू बहाना। उठाकर जनाजा कंधों पर अपने, मुझे शमशान तक सभी छोड़ आना॥ होंगे उस वक़्त वो नींद में मगरूर, भूले से भी न उसे तुम जगाना। मय्यत में मेरी तुम सभी चले आना॥ मुझसे अलग भी दुनिया […]

कॉलेज में कदम रखते ही बिटिया,लगी कि बड़ी हो गई। इस जमाने में वैसे भी बच्ची जल्दी ही समझदार हो जाती है। एक समय था जब संस्कार,शिक्षा,नैतिकता,रिश्तेदारी का सबक परिवार में रोजमर्रा,सहज ही मिल जाता था। अब सबकी कक्षाएं लगती हैl डिप्लोमा-डिग्री से नवाजते हैं। शर्मा जी की बिटिया,अब आधुनिक […]

मनुष्य का जब जन्म होता है तो वह प्रथम तीन से जुड़ता है। पहला स्थान माँ का है। माँ का वह अभिन्न अंग है,पिता  उसके लिए सूचना है और प्रसव के समय धाय से भी वह अज्ञात भाव से परिचित हो जाता है। इन तीनों से जुड़कर वह इस धरती पर लीला शुरू करता […]

हम आर्य पुत्र,धर्मरक्षक, हम सन्त सनातन ज्ञानी हैं। हम चक्र-सुदर्शन धारी हैं, हम अर्जुन आज्ञाकारी हैं। हम वीर भगत-आजाद से, धरती पुत्र बलिदानी हैं। हम सब हिंदुस्तानी हैं,  हम सब हिंदुस्तानी हैंll  हमने सबको देना सीखा, लेने की कोई प्यास नहीं  जितना दिया सरकार ने हमको, उससे ज्यादा की आस […]

छाया बंसत सुरभित पवन पिया की यादl कोकिल कहे कुहूँ-कुहूँ पुकार प्रियतम आl आँखियां रोवें उठे कसक जिया बैरी बसंतl पीत वसन लहराती वसुधा गोरी उदासl                #लिली मित्रा परिचय : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर करने वाली श्रीमती लिली मित्रा हिन्दी भाषा के प्रति स्वाभाविक […]

बार-बार इनकार करने पर भी पीछा नहीं छोड़ती,तुम समय व स्थान का भी अनुमान नहीं लगाती,कब कौन-कहाँ-कैसी भी अवस्था में हो,तुम तपाक से आ जाती हो। लाख मना करने पर भी तुम्हारे कानों पर जूं नहीं रेंगती। उस दिन स्टेशन की सूनी बेंच पर तुम आकर बैठ गई। और तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।