परिंदों संग हर मस्तियां छोड़ आए गांव में हम कितनी हस्तियां छोड़ आए   यूं तो इक घर की दहलीज छोड़ी थी हमने लगता है अब कई बस्तियां छोड़ आए   उलझनों की ये शब अब नहीं बिताई जाती आम की छांव तले निंदिया छोड़ आए   अब कोई दिल […]

ज़िम्मेदारी नहीं अभी, अपनी बारी नहीं अभी। जैसे-तैसे जीत गए, वैसी पारी नहीं अभी। वक़्त नींद का हुआ भले, पलकें भारी नहीं अभी। अगल-बगल ही प्यादे हैं, मात हमारी नहीं अभी। थोड़ा वक़्त कठिन है बस, पर लाचारी नहीं अभी।   #प्रदीप कान्त परिचय : इंदौर में केट कालोनी निवासी […]

जीवन के कोरे कागज पर,कर्मों की गाथा लिख दे, विस्तृत नील गगन पर,सफलता की परिभाषा लिख दे। शिखर ये सफलता का,कर रहा तेरा आव्हान, विपत्तियों से लड़कर,बन कुशल-दिव्य-ज्योति-नूतन। अब तोड़ अपनी निद्रा को,मन की अभिलाषा लिख दे, विस्तृत नील गगन पर,सफलता की परिभाषा लिख दे। तू कायर है तो हार […]

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शब्द ही शब्द है शब्द ही निशब्द है, शब्द ही सत्य है शब्द ही असत्य है.. शब्द ही आलाप है शब्द ही विलाप  है, शब्द ही राग है शब्द ही विराग है.. शब्द ही आत्मा है शब्द ही परमात्मा है, शब्द ही शब्द है शब्द ही निशब्द हैl शब्द ही […]

यहा प्यार वाली,म्यूजिकल फैंटेसी फिल्म है,जो भरपूर जादू और डार्क फेंटेसी से भरी है। छोटी-सी कहानी यहाँ है कि,एक प्रिंस को श्राप मिलता है कि,जब तक सच्चा प्यार न कर ले, दानव बना रहेगा और सारे नौकर- चाकर घरेलू सामान बने रहेंगे। तब फिल्म की नायिका एमा से मुलाकात और […]

गर्दभ वाहन पर होकर सवार, शीतला माता देने आई दुलार। आगे चलें हनुमान,पीछे भैरव, माता देने आई शीतल बहार। दही संग शक्कर-चावल का, नेवैध बने अमृती रसधार। ठंडा भोजन बड़ा हीं गुणकारी, रक्तचाप रोग में नियंत्रण कार। चेचक,असाध्य रोग दूर होय, आएं जो रोगी माता के दरबार। तन-मन को रखो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।