हे मेरे जगत कल्याण से भरी हुई अंतरात्मा और भावी सिद्ध परमात्मा…मेरे आराध्य गुरुदेव। तुम्हें आज तक कितनी माँ ने पुकार लगाई और तुमने भी माँ की भाँति ही उन सब पर स्नेह की थपकी देकर उन्हें आत्मकल्याण की ओर सन्मुख कर दिया। कभी तुम्हें पुकार लगाई हम मनुष्यों की […]
रहमान संग में यहाँ,ईसा, नानक, राम। वीरों की जननी यही,भारत इसका नाम।। विश्व पटल पर छाया न्यारा। प्यारा भारत देश हमारा।। राणा, पन्ना,भामा,मीरा। यहीं हुए रसखान,कबीरा।। चरक,हलायुध,अब्दुल,भाभा। विश्व पटल की थे यह आभा।। जन्मे गीत, ग़ज़ल,कव्वाली। भारत की छवि लगती आली।। क्रिसमस, ईद,लोहड़ी,होली। पावनता पर्वों ने घोली।। अलग-थलग हैं भाषा […]
रामायण में आदिकवि,करते हैं उल्लेख। रामराज्य के रूप को,खुले नयन मन देख।। ग्यारह हजार वर्ष तक,रहे अवध श्रीराम। बन्धु-बान्धवों संग ही,बना लोक सुख-धाम।। रावण रुपी छ्ल मरण,हरण दंभ सब पाप। सत्य सुयश का मार्ग ही,दिखलाते प्रभु आप।। सीता माता के हृदय,नाथों के हैं नाथ। मर्यादा पालक प्रभो,रहे सर्वदा साथ ।। […]