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आज ‘वेलेन्टाईन डे’ है यार,कोई मस्त लव स्टोरी सुना..अरे!कहाँ खोई है अंकिता? बोल न कुछ,चल बता क्या हुआ ? अंकिता ने कहा-‘कुछ नहीं रिया, मैं ठीक हूँ। रिया-‘देख ! अंकिता,तू अपनी माँ की कड़वी बातों को दिल पर न ले,एक दिन उनकॊ पक्का पता चलेगा कि उनकी बेटी कितनी टेलेंटेड […]

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ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र आज कल एक अजीब चलन चल गया है। शिष्टता की सीमा लांघना, बेवाकीपन और बोल्ड कहा जाने लगा है।  अगर उसे कोई स्त्री , स्त्री विमर्श से जोड़कर उसे महिमामंडित करे तो वह बड़ी खबर बन जाती है। उसे वैश्विक स्तर पर भी स्वागत किया जाने लगा […]

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विजयानंद विजय संसद भवन में स्थित गाँधीजी की मूर्त्ति के सामने उनके तीनों बंदर अपनी चिर – परिचित मुद्रा में बैठे थे। वे बार – बार अपना सिर जमीन से टिकाते और सिर हिलाते। उनके अजीब व्यवहार से देखते – ही – देखते  वहाँ नेताओं की भीड़ जमा हो गई। […]

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वाकई ! इस चमत्कार को नमस्कार है !!   तारकेश कुमार ओझा  यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है, मातृभाषा.कॉम का नहीं। क्या आप इस बात की कल्पना कर सकते […]

एक बात कहूँ जानेमन ? तुम बहुत बदसूरत हो एकदम आत्मा के भीतर तक ! -रवीश के नाम खुला ख़त ! यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।