चींटी एक चढ़ी पर्वत पे, गुस्से से होकर के लाल। हाथी आज नहीं बच पाए, बनके आई मानो काल।। कुल मेटू तेरे मैं सारो, कोऊ आज नहीं बच पाय। बहुत सितम झेले हैं अब तक, आज सभी लूंगी भरपाय।। कुल का नाश किया मेरे का, रौंद पैर के नीचे हाय। […]

श्रीराम भक्त है हनुमान, शक्ति के पुंज हैं हनुमान। साहस,वीरता के प्रतीक, आज भी चैतन्य हनुमान।। है शिव अवतारी हनुमान, लाल लंगोट धारी हनुमान। लाल रंग इनको मन भाए, अंजलि के लाल हनुमान।। धीर,वीर,गंभीर हनुमान, भक्ति की व्याख्या हनुमान। सीताराम के अनन्य भक्त, सीने में बसाए हुए हनुमान।। संकट मोचक […]

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ओ मेरे प्रियतम प्यारे, समर्पण है तुझ पर अब मैं अर्पण हूँ। मैं चाहती हूँ कि तुम, हर पल,पल-पल तुम मेरे पास रहो.. इसलिए तुम फूल बन जाओ मैं मालिन। तुम फसल बन जाओ, मैं किसान.. तुम मालिक बन जाओ, मैं दासिन। तुम घर बन जाओ, मैं पहरेदारिन.. तुम भगवान […]

राष्ट्र-प्रेम का प्रदीप, सदैव दीप्तिमान हो। विश्व-ऐक्य-भाव ही, सर्वथा प्रधान हो।। कोटिशः नमन तुम्हें, धीर वीर महान हो। त्याग शान्ति समृद्धि के, तुम्हीं तो वितान हो।। शुष्क हृदय न हो कभी, प्रेम प्रवाहमान हो। कर तिरोहित वैरभाव, अधर मात्र मुस्कान हो।। है एक प्राण दाता पूज्य, सर्व-धर्म समान हो। मनुज […]

कोई आंखों से पिला दे या जाम से, मुझे सुरुर नहीं होता, मैं थोड़ा बहुत,बहुत कुछ कर लेता हूँ, मुझे गुरुर नहीं होता। एक ऐसा शख्स है जो मेरे दिल में, धड़कन में घर किए है, मैं पूरी कोशिश करता हूँ मगर ,वो मुझसे दूर नहीं होता। मैंने उसका जिक्र […]

(कश्मीर में भारतीय सेना पर पत्थरबाजी पर)  खुली छूट अब चाहिए,सेना के वीर जांबाजों को, अच्छा सबक सिखाना है,दुस्साहसी पत्थरबाजों को| इनके घर में छुप के बैठे,आतंकी जो इनके आका, पैलेट गन से छलनी कर दो,देश पे डाले जो डाका| हिंदुस्तान में रह खाकर भी,ये पाक परस्ती करते आए, हुर्रियत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।