सूख जाएगा इक दिन पानी, करते रहे अगर तुम मनमानी। इसको बचाओ,मान लो भाई, ‘जल है जीवन’ जान लो भाई। जल सबकी प्यास बुझाता है, फसलों को भी चमकाता है। इसकी महत्ता का ज्ञान लो भाई, ‘जल है जीवन’ जान लो भाई। जल पर आधारित हैं सभी उद्योग, साफ-सफाई में […]

जीवन में रिश्ते, बनते हैं बिगड़ते हैं सभी आपस में लड़ते हैं ,झगड़ते हैं, फिर मिलते हैं.. रिश्ते ऐसे ही बनते हैं। लड़ना,झगड़ना,मिलना, रिश्तों में चलता रहता है.. कभी खुशियां,कभी गम मिलते रहते हैं सास-बहू के झगड़े होते हैं जग जाहिर हैं.. एक ही घर में होते, फिर भी घर […]

शर्म न आती तुमको, सेना पर पत्थर बरसाते हो। जिस थाली में खाते छेद,उस में ही कर जाते हो।। भारत माँ के आँचल में,दुःख जब-जब भी सोता है। जब-जब जुल्म लाल पे होता,माँ का भी दिल रोता है।। कहते हो कश्मीर हमारा,फिर कैसी लाचारी है। मैं सैनिक हूँ भारत माँ […]

भारत के लाल बन, दुश्मनों का काल बन। देश में तू नाम कर, सदा आगे बढ़ कर।। हौंसला बनाए रख, जीत का तू स्वाद चख। नया इतिहास लिख, जीवन में पढ़कर।। रोज तू सबेरे उठ, बात तू समझ गूढ़। आलस से दूर रह, शिखर पर चढ़ कर।। सबसे ही प्रेम […]

एक माता-पिता उसे कहते हैं, जो झूठ बोलकर नादानी में गलत फैसले ले चुकी है उसे माँ-बाप कुछ कह तो नहीं सकते, लेकिन उनकी नज़रें यही कहती हुई-सी प्रतीत होती हैं- तुझे जन्म दिया तुझको पाला, तुझको सब अपना दे डाला आखिर ऐसा क्यूँ काम किया तूने हमको बदनाम किया […]

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भगवान का दूसरा रुप हैं माँ, उसके लिए दे देगें जान.. हमको मिलता जीवन उनसे, कदमों में हैं स्वर्ग बसा। संस्कार वह हमें सिखलाती, अच्छा-बुरा हमें बतलाती.. हमारी गलतियों को सुधारती, प्यार वह हम पर बरसाती। तबियत अगर हो जाए खराब, रात-रात भर जागते रहना.. माँ बिन जीवन है अधूरा, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।