माँ की अनुभूति माँ बनने के बाद ही महसूस होती है- डॉ. पद्मा सिंह इंदौर। माँ के लिए माँओं ने अपनी शाब्दिक आदरांजलि साझा संग्रह “माँ“ पुस्तक में कविताओं के माध्यम से व्यक्त की। इंदौर लेखिका संघ की सचिव मणिमाला शर्मा द्वारा संपादित एवं संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित संग्रह में […]

भाषा से होता व्यक्तित्व निर्माण – राकेश शर्मा इंदौर, 12 जून । जीवन में भाषा का बड़ा महत्व होता है। भाषा व्यक्तित्व का निर्माण करती है। यह बात हिन्दी मासिक वीणा के संपादक श्री राकेश शर्मा ने कही। वे सोमवार दोपहर कर्मचारी राज्य बीमा निगम आदर्श चिकित्सालय एवं व्यावसायिक रोग […]

साहित्य का मूल धर्म है सबका भला करना – डाॅ. पद्मा सिंह इंदौर 10 जून। साहित्य का मूल धर्म है सबका भला करना। रचनाकारों को इस मूल धर्म को ध्यान में रखकर रचनाधर्मिता करना चाहिए। भाषा अपनापन देती है और दूरियां भी इसलिए भाषा के उपयोग में सावधानी रखना चाहिए। […]

सीईपीआरडी प्रदेशभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए करेगा साहित्यिक गतिविधियाँ इंदौर (4 जून)। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पर्यावरण संरक्षण अनुसंधान एवं विकास केंद्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण साहित्य उत्सव आयोजित किया गया। इंदौर प्रेस क्लब में रविवार शाम आयोजित हुए इस उत्सव में जहाँ पर्यावरण जागरूक को लेकर […]

जीवन के यथार्थ से संवाद करना है साक्षात्कार- शैलेन्द्र जी इंदौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा मासिक पत्रिका ‘वीणा’ के वर्तमान संपादक श्री राकेश शर्मा से देश के विभिन्न साहित्यकारों द्वारा लिए गए साक्षात्कार, जिन्हें ‘अर्थ तलाशते शब्द’ कृति में समाहित किया गया, का लोकार्पण आज समिति के शिवाजी […]

तीन रचनाकारों उपासना, रुपाली ‘संझा’ और सविता पांडेय ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएँ नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा गुरुवार को नारी चेतना कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत तीन रचनाकारों उपासना, रूपाली संझा’ और सविता पांडेय ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। सर्वप्रथम सविता पांडेय ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।