25 फ़रवरी को इन्दौर में आयोजित समारोह में होंगे अलंकृत इंदौर । हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा वर्ष 2024 का हिन्दी गौरव अलंकरण आईएएस मनोज श्रीवास्तव (भोपाल) और डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय (मुम्बई) को प्रदान किया जाएगा। यह समारोह 25 फ़रवरी को इंदौर में आयोजित होगा […]

● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ लताएँ लहलहा रही हैं, चिड़ियों का कलरव हो रहा है, वृक्ष हवाओं से आलिंगन कर रहे हैं, सरयू का कल-कल बहता जल संगीत की स्वर लहरियों को उत्पन करते हुए रामघाट की सीढ़ियों से टकरा रहा है, मयूर नाच रहे हैं, पगडंडियाँ अधीर हो रही […]

तुमको वंदन हे रघुनंदन! प्रभु अभिनंदन है, अभिनंदन, ठाढ़े करज़ोर करत वंदन, अभिनंदन हे दशरथनंदन! न जाने ये कैसी परीक्षा थी! सदियों-सदियों से प्रतीक्षा थी, दो दर्शन कौशल्यानंदन, प्रभु अभिनंदन है, अभिनंदन। दो-दो वनवास दिया जग ने, पुरुषोत्तम रूप जिया तुमने, तेरे अपराधी करते क्रंदन, प्रभु अभिनंदन है, अभिनंदन। है […]

सज गई है अयोध्या सारी, मन की अयोध्या मनुज सजा लो। जो तुम कर सके निर्मल काया, प्रभु दरश स्वयं तुम पालो। भक्त हृदय संग कण-कण में तो, प्रभु सदा ही रहते हैं। राम नाम जो सुमिरन कर ले, उनको मुक्ति देते हैं। मात-पिता और गुरुजनों का, जो भी आदर […]

हे प्राण प्रतिष्ठा, न देख तू रास्ता, पा ले जीवन का सार, सप्त मोक्षदायनी नागरियों में प्रथम है अयोध्या, सरयू नदी का तट और प्रधान देवता है हनुमंत भैया। जिनकी तीन माताएँ कौशल्या, कैकई और सुमित्रा मैया, रामलला जो हैं, हमारे तारणहार जीवन के खवैया। हे प्राण प्रतिष्ठा, न देख […]

जो स्वप्न देखें सनातनियों ने, पूरे होते दिखे वे अयोध्या नगरी में। सब सज्जनों, सनातनियों का आनंद मानो राम–मंदिर के रूप में पूर्ण हुआ। मंदिर बनाने में कष्ट लिए, उपाय बहुतेरे किये तब स्वप्न पूरे हुए। जहाँ बहती सरयू नदी, साक्षी हुए सकल जन इस युगे। चल दिए दर्शन लेने रामलाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।