प्रहार रोज संस्कृति पर,होता रहा है रोज। बैठ न चुप्पी साधकर,शीघ्र ईलाज खोज॥ आज ‘रक्षा बंधन’,भारत जन-मन संस्कार। प्रण ठानें सहोदर, रोकन बहन पर प्रहार॥ भागो न दूर बहन से,वह संस्कृति की शान। वह खतरे से रो रही,दिला उसे सम्मान॥ तजें मौन बहन पर,हम होतें न हो अभाग। उठा कठोर […]