राखी का त्यौहार मनाएं, भाई-बहिन की शुचिता पर हम लम्बे-लम्बे गीत सुनाएं॥ राखी का त्यौहार मनाएं…। क्या वो किसी की बहिन नहीं, जो तेजाबों से जलती है। उसकी प्यारी भोली सूरत क्यों खल नयनों को खलती है॥ देहरी से बाहर आते ही क्यों, पग-पग पर वो डरती है। साए की […]