देश की मेरे सुबह अनोखी कितनी प्यारी शाम है। हर रज कण चन्दन-सा पावन शोभा अमित ललाम है ll यहाँ हिमालय गंगा-यमुना, मुम्बई है चौपाटी है… कण-कण में फैली हरियाली, चन्दन जैसी माटी है। साँझ सुहानी निशा सलोनी भोर बड़ी अभिराम है। हर रज कण चन्दन-सा पावन शोभा अमित ललाम […]