कोई हसरत ना रही,कोई आरज़ू ना रही, दिल ऐसा तोड़ा है,अब कोई जुस्तज़ू ना रही। कितने वादे किए थे,साथ जीने-मरने के, क्या हसीं बातें थी,अब वो भी तो मौज़ू ना रही॥ […]
आयो सावन को तेवार,मन में हरस अपार आँगन झूला पड़ी गया,बेटी बेगी आवजे l माता करे मनवार,पिता देखे डेली द्वार, भाई करे इंतजार,बेटी बेगी आवजे l बेन्या हंसी खुसी नाचे,भावज लाई पेरवास, सखिया आई दिन चार,बेटी जल्दी बेगी आवजे l तू तो आँगन को सिणगार,माँ की गोदी को दुलार, थारा […]
रक्षा बंधन के पावन पर्व की धूम अभी शांत नहीं हो पाई थी कि, ‘चंडीगढ़ की वर्णिका कुंडू’ का पीछा किन्हीं राजनेता के सुपुत्र द्वारा किए जाने की घटना आज हर तरफ फैली हुई है। ऐसा नहीं है कि-यह कोई पहली घटना है। रोज़ाना ऐसी शर्मसार करती,और बड़े शहरों-महानगरों मे […]
किशोरवय के पड़ाव पर पाँव रखती मासूम रजस्वला बेटियाँ मासिक धर्म के जैविक परिवर्तन से यकायक अकस्मात् सयानी हो जाती है,और शारीरिक बदलाव को सहज स्वीकार नहीं कर पाती हैं। मानसिक व शारीरिक संघर्ष की इन चुनौतियों में हर मां का ये दायित्व बनता है कि,बच्चियों से दोस्ताना व्यवहार कर […]
हाँ में दीमक हूँ, घर दिवारों पर खिड़कियों पर, किताबों में पुरानी समानों पर मिट्टी के अन्दर अपना रैनबसरे बना लेती हूँ, धीरे-धीरे फैलती जाती हूँ जैसे बरगद की लताएं हों। मैं कहीं भी जाऊँ, अपना स्थान घेर लेती हूँ या यूँ कहें एक सुरक्षित दायरा बना लेती हूँ, मैं […]
सूरज लालिमा अपनी बिखराता, फिर से सूरज आ रहा है आँखों की बाकी नींदों पर, फिर उजाला छा रहा है, फिर से सूरज…l भोर का सुन आगमन तब, चिड़िया सब उड़ने लगी फिर खिलखिलाती धूप निकली, खिड़कियाँ खुलने लगी फिर हर तरफ का शोर सलोने, सपनों को उलझा […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।