या रब मेरे तेरा उपकार हो खुशियों भरा ये संसार हो आ गया नया वर्ष उमंगे लिए कोई बेबस न कोई लाचार हो इंसान हो इंसानियत तो रखो भाई चारा बढ़े और प्यार हो आमदानी की अब राहें खुले कोई युवा न अब बेरोजगार हो लड़ाई सब झड़गे अच्छे नहीं […]

वतन की चाह में जो मगन हो गया तिरंगे में लिपटा जिनका बदन हो गया शत शत नमन वीर सपूतों को हमारा तिरंगा ही जिनका कफन हो गया लाडले ही रहे अपनी माँ पिता के नतमस्तक जिनका गगन हो गया बात ही क्या करें उनके हौसलों की निछावर जिनका तन […]

समस्या का निदान कैसे होगा टपकती छत मकान कैसे होगा तड़प भूख की खाने को लाले पड़े बिखरा पड़ा जो सामान कैसे होगा जीना मुहाल गरीबी में आटा गीला गुजारा भला आसान कैसे होगा चिंता सताती है जवां बेटी की बाप को बेटी का भला कन्यादान कैसे होगा अब तो […]

आँखों में आँसुओं की धार देखते हैं आदमी को बेबस , लाचार देखतें हैं कैद होकर रह गया चारदीवारी में उजड़ा हुआ अब तो बाजार देखते हैं कैसा है कुदरत का कहर देखो यारों बन्द पड़ा सारा कारोबार देखते हैं वीरान है गांव शहर और जहां सारा उजड़ी बस्ती खोई […]

घर मुझे जन्नत से प्यारा मिला खुशनुमा परिवार हमारा मिला इससे महफूज जगह कोई नहीं दर्द भी कांपता और हारा मिला एकदूसरे से इतनी हिम्मत मिली सच हमे अपनो का सहारा मिला बच्चो की मुस्कुराहट किलकारियां हँसी ठिठोली का जैसे नज़ारा मिला #किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ परिचय : किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ का वर्तमान […]

रंगों का त्यौहार मनाएं होली में मिल जुलकर प्यार बढ़ाए होली में संग मित्रों के साथ हमारी टोली हो खुशियों को आधार बनाएं होली में भाईचारे अपनेपन का रंग पक्का हो शांति का व्यवहार बनाएं होली में धूम धड़ाका हो और हो बाजा गाजा घुंघरू की झंकार बनाएं होली में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।