माता-पिता है प्रथम गुरु, जिनसे होता  जीवन शुरू। ज्ञान,ध्यान की साधना से, जीवन को संवारते हैं गुरु॥ ज्ञान-कौशल को तराशकर, शिखर पर पहुँचाते हैं गुरु। सदा सही राह पर चलना, सिखलाते हैं धरा पर गुरु॥ पूर्णिमा के चांद की तरह, शीतलता बिखेरते हैं गुरु। चलेगा जनजीवन सुचारु, पूजेंगें जब हम […]

कोई खाता माता-पिता की सौगंध, कोई खाता बाल-बच्चों की सौगंध। कोई खाता ईश्वर-अल्लाह की सौगंध, कोई खाता गीता-कुरान की सौगंध॥ कोई खाता गंगा-अबे जम की सौगंध, सौगंध  खाकर बन  जाते  हैं  संबंध। कोई सच बोलता है ,तो  कोई झूठ, किसी का जीवन बचा  लेती सौगंध॥ लो  अब  भारत  माता  की […]

पाक को जरा,सब सिखाइए। गीत प्यार के,सरस गाइए॥ शक्तिमान हो,शरण दीजिए। देश द्रोहि के,करम  कीजिए॥ प्राण खींच लो,तब सही रहे। बाप हो तभी,जब वही कहे॥ धीर  देश  है,भरत  वीर का। भीष्म पार्थ के,विकल तीर का॥ आँख जो उठे,तुरत नष्ट हो। मौत से मिलो,अगर भ्रष्ट हो॥ सोच लो अभी,समय दे दिया। […]

काश ऐसी बरसात आए, जिसमें अहम डूब जाएं। नफरत की जमीं काई पर, भाईचारे के फूल खिल जाएं॥ काश ऐसी बरसात अब  आए, बगावत के पत्थर पिघल जाएं। घर-घर सुख-शांति, खुशियां हों ‘मैं’ अब  ‘हम’ में बदल जाएं॥                         […]

(अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष) भारत की शान है योग, गीता,वेद,पुराण है योग। सबका कल्याण है योग, भारत की जान है  योग॥ संस्कृति की आन है योग, प्रकृति का वरदान है योग। शरीर  की  स्फूर्ति है  योग, वीरों-सी शक्ति  है  योग॥ स्वस्थता का राज है योग, मन की एकाग्रता है योग। […]

स्कूल,स्वागत द्वार सजाएं, आओ प्रवेश उत्सव मनाएं। तिलक से करें हम स्वागत, नवप्रवेशी बच्चे शाला आएं॥ बेटा-बेटी को खूब  पढ़ाएं, अशिक्षा का तिमिर मिटाएं। शिक्षा ही विकास की सीढ़ी, ऐसा संदेश घर-घर फैलाएं॥ किताब,गणवेश मुफ्त पाएं, स्वादिष्ट  भोजन  मन भाएं। साईकिल,छात्रवृति,बेहतर शिक्षा हेतु नामांकन कराएं॥ बच्चे दौड़े-दौड़े शाला आएं, आओ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।