मन की बात सभ्यता संस्कृति एकता युवा कल्याण की बात। बात है शूरूआत की बढते दुख पर हाथ की जिसके साक्ष्य देश के करोड़ो सुनने वाले वही आगे जाने वाले। बात है ज्ञान की सबके उत्थान की लोक कल्याण की बढ़ते भारत की शान की। बात है विज्ञान की इसरो […]

सामाजिक और असामाजिक तत्व दो अलग विचार धाराये है, जिनका संतुलन होना जमीन आसमा को एक करने जैसा है। बहुत से सभाज सुधारक ने इस पर अध्ययन किया और प्रयास भी किए बहुत सारी सामाजिक कुरीतियो को समाप्त भी किया गया जैसे सती प्रथा,बाल विवाह विधवा विवाह दहेज प्रथा आदि […]

सपनो के पंख लगाकर उडता फिरू जहाँ तहाँ कोई कैसे देखे सुनहले दिन कोसते रहते सपनो को कहाँ कहाँ। जब भी कोई सपना देखू लगता है प्यारी प्यारी खो जाता हूँ उन सपनो में भले ही पूरे न हो सारी। खट्टे मीठे अनुभवो का एहसास है ये सपने हमारी कुछ […]

आया प्रकृति पर्व है, मनाओ सब उल्लास बच्चो के संग में,पतंग उड़ाओ आकाश।। खूब खिले है चेहरे,दान पूण्य गहरे थाली सज रही है,तिल गूड पसरे।। आनंद की हवा चली,रंगीन हुआ गगन प्रकृति की अनमोलता से, कम हुई चुभन।। ठिठूरती हुई कलियाँ भी, खिलेंगी शाम सुबह चहुँ ओर गूँजेगी संगीत, भँवरे […]

कविता का रूप सरल मसले कुछ भी रहे मगर भाव, भाषा और विचार का सभी पर हो असर। कुछ आक्रमकता और कर्मठता पर्सनल हस्तक्षेप को न प्राथमिकता अच्छे शब्द और मौलिकता सही मायने में कविता की प्रमाणिकता । देश का सवाल हो या विदेश का प्रधान का सवाल हो या […]

एक नही हजार लिखूँगा देश विदेश संसार लिखूँगा जिसका दिवाना है सारा जहाँ उसके लिए कविता हजार लिखूँगा। जलने की मिशाल भी नया नहीं बात लिखने की अदा नही हाथी देखा नहीं कि बन बैठा कुकुर लगे भौंकने जैसै फिजुल। रास न आए मेरी सुन्दरता एडिट करना मेरी मौलिकता स्वंय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।