आसुरी शक्तियों के शमन को कार्तिक पूर्णिमा पर किया स्नान मां गंगा में डुबकी लगाकर क्या बन गए हम पवित्र महान? आसुरी शक्तियां क्या छूट गई? काम,क्रोध,लोभ मोह दूर हुई? क्या दूर हो गया अपना अहंकार? यदि नही,तो फिर क्या है निदान? जल गंगा तन उज्ज्वल ही करती ज्ञान गंगा […]

रामलला को स्थान मिला मस्जिद को भी सम्मान सर्वोच्च न्यायालय ने रचा न्याय का अनूठा कीर्तिमान जो दो सौ वर्षों से नही हुआ न्यायालय ने कर दिखाया एक राय से फैंसला देकर न्याय की गरिमा को बढ़ाया अब राम की पूजा हो सकेगी मस्जिद में भी होगी अजान धर्मनिरपेक्षता की […]

देर से ही सही लेकिन रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायालय के पांच जजो ने एक राय होकर अपने फैंसले में रामलला को उसका जन्म स्थान और मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने के आदेश देकर इस विवाद का स्थायी समाधान करने की कोशिश की है। जिससेअयोध्या […]

अच्छा करोगें अच्छा होगा बुरा करोगें बुरा होगा यह नियम अटल सृष्टि का जैसा करोगे वैसा भरोगें जो कर्म करे वह सद्कर्म हो अच्छा सोचना ही स्वधर्म हो जिंदगी को अपनी संवार लो अच्छा बनकर निखार लो किसी को दुःख न पहुंचे आपसे यह सोच जीवन में उतार लो परमात्मा […]

मौसम में ठंडक आने लगी है दीपावली की आहट होने लगी है आओ करें घर की साफ सफाई बाजार में भी सजावट होने लगी है अब मन की सफाई भी हो जाये व्यर्थ का कचरा मन से छट जाये सकारात्मकता के दीये जलाकर मन को प्रकाशमान कर दिया जाये सच्ची […]

हर संतान मां के लिए है प्रभु का वरदान संतान की खातिर मां अपनी भी दे देती है जान संतान सुखी तो मां सुखी संतान दुखी तो मां दुखी संतान की हर धड़कन में बस, मां की धड़कन जान मां हर दुख सहकर भी देती मीठी मुस्कान सच पूछो तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।