रफ्तार तेज नहीं थी बाइक की। धीमी रफ्तार से ही आॅफिस से घर लौट रहा था मैं। तभी अचानक वह बाइक के सामने से गुजरी। एक पल लगा – आ ही गयी पहिए के नीचे। पूरी ताकत से मैंने बाइक को ब्रेक लगाया। वह तो बच गई पर मैं गिर […]

भोपाल । हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन, भोपाल ने अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समागम 2022 का आयोजन किया । जिसके अंतर्गत सम्मान समारोह, पुस्तक विमोचन समारोह एवं वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी विषय पर व्याख्यान सुनने को मिला । कार्यक्रम का आयोजन 12 सितंबर 2022 को शाम 5.30 से दुष्यंत कुमार […]

इंदौर। हिन्दी हाइकु का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन आगरा (उप्र) में गंगा दशहरा पर हिन्दी हाइकु परिषद और साहित्य साधिका समिति द्वारा आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार मुकेश तिवारी को सक्रिय साहित्यिक गतिविधियों के लिए साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इनके अलावा देश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।