मुद्दतें हो गई,चाँद देखे हुए। वो बचपन के दिन भी,हवा हो गए।। नन्हीं-सी तितली,वो छोटी-सी चिड़िया। अब सारे के सारे,ख़फ़ा हो गए।। वो कागज़ की नाव,पे तैरा था दिल। मेरे प्यारे,घरौंदे तबाह हो गए।। बचपन के सपने तो पूरे हुए। पर हम ही मगर अब,फ़ना हो गए। मुद्दतें हो गई,चाँद […]