पुस्तक का नाम- सवा सेर गेहूं लेखक- मुंशी प्रेमचंद पुस्तक का मूल्य- एक सौ पच्चीस रुपये ₹125/– प्रकाशक- अनन्य प्रकाशन, दिल्ली भारत के सभी प्रमुख बुक स्टॉलों पर उपलब्ध ओपन बुक स्टोर समदड़िया मॉल जबलपुर (म.प्र.) विधा- गद्य कहानी सवा सेर गेंहू व अन्य कहानियाँ मुंशी प्रेमचंद की लेखनी सदा […]

हिन्दी के स्वर्णिम भविष्य को समर्पित, हिन्दी प्रेमियों की श्रद्धा और प्रेम का दर्पण है — पुस्तक – “लहराया हिन्दी का परचम ” अवनि सृजन समूह की संस्थापक बहन मीना गोदरे अवनि के सम्पादन में प्रकाशित इस साझा संकलन से प्रभावित हुए बिना मैं न रह सकी। समीक्षा के लिए […]

*पुस्तक समीक्षा* *शीर्षक- दिवास्वप्न* *लेखक गिजूभाई* *बधेका‌(1931)* *अनुवाद -काशीनाथ त्रिवेदी (2004)* *पृष्ठ -85 /मूल्य 185* *आय एस बी एन नं-81-237-0381-9* *प्रकाशन वर्ष- 2004* *प्रकाशक- नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया न्यू दिल्ली* *दीवास्वप्न* नाम के अनुरूप दिन का स्वप्न एक काल्पनिक कथा है। गिजुभाई ने शिक्षा संबंधी भावाभिव्यक्ति काल्पनिक शिक्षक लक्ष्मीशंकर के […]

लघुकथाओं में प्रयोग स्थापित – पंकज त्रिवेदी खिड़की (लघुकथा संग्रह) लेखिका : यशोधरा भटनागर प्रकाशन-संस्मय प्रकाशन, 8 सी.एस.पी., ए.डी. ब्लॉक, शालीमार बाग़, दिल्ली-110088 मूल्य- 220/- संपर्क : 07067455455 यशोधरा भटनागर की सृजनात्मक शक्ति में नयापन, लचीलापन और लयात्मक अभिगम है। सुप्रसिद्ध रचनाकार तो हम कह देते हैं मगर रचनाकार से […]

ये दिन कर्फ्यू के हैं काव्य-संग्रह : स्वाति श्वेता संस्करण : प्रथम 2018 प्रकाशक : भारत पुस्तक भंडार, दिल्ली पृष्ठ संख्या : 100 मूल्य : 250 /- रुपए *********************** संवेदनशील कवियित्री स्वाति श्वेता जी का सद्य प्रकाशित प्रथम काव्य संग्रह जिसमें आपने अपने आसपास नज़र आ रही संवेदन शून्यता को […]

पुस्तक समीक्षा – ” को अहम ” लेखक – अशोक जमनानी प्रकाशक – श्रीरंग प्रकाशन , होशंगाबाद मूल्य – ₹250 /- जिज्ञासाओं के समाधान और कर्मपथ की प्रेरणा देता है , उपन्यास – को अहम साहित्य के क्षेत्र में नर्मदांचल के युवा रचनाकार अशोक जमनानी अब अनजाना नाम नही है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।