तापस ऋषि सब तप करें,दम सम सह मन गोय। इस गर्मी में जल बिना,वे अति व्याकुल होंय।। स्वप्न पाल बैठी सिया,मन ही मन हर्षित होय। देख परशुराम का क्रोध,मन आशंकित होय।। मन मयूरी पंख संग,देखे कमल नयन जौहरी ताके बाट अब,गहना गुडिया के संग। ————– युद्ध —– खीचकर तलवार चलाया […]

मुरझाये चेहरे को हमेशा मुस्कान देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द पहचान लेती। जब कभी उदास हो जाऊँ माँ चुटकियों से हँसा देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द पहचान लेती। जब भी ठोकर खाऊँ फूक मारकर दर्द भगा देती माँ तो माँ है देखते ही दर्द […]

एक होता था राजा पूरे व्रह्माण्ड पर भारी उनसे डरते थे दुष्ट दुराचारी। त्रस्त होते लोग भ्रष्ट होते लोग आधुनिकता की चादर में असभ्य होते लोग। पथ न मंजिल इधर-उधर भटकते लोग मान मर्यादा इज्जत प्रतिष्ठा से वेफिक्र होते लोग। वेहिसाब नफरतो का एक दूसरे पर तोहमतो का पग-पग लगा […]

बाहर निकलो घर से मतदान करते चलो अपने दम पर नये कर्मठ सरकार बनाते चलो। खूबसूरत लोकतंत्र का तुम ही निर्माता हो प्रगति के पथ का तुम ही मार्ग दर्शक लोकतंत्र के पावन पर्व में अपना कर्तव्य निभाते चलो। एक भी लोग न छुटने पाए ऐसा प्रेम दिखाते चलो अपने […]

वो तो ठहरा घूसखोर अपना वजूद रोज मिटाता चंद सिक्को की खातिर नैतिकता परे हटाता जाता। उसके लिए आर्दश धन बल धनबल के आगे नही जनबल वो ठहरा धन का पुजारी काम नही आता वहाँ आँसूबल क्योंकि वो ठहरा घूसखोर। कार्य अनेको होते मगर करता उसी का जो लगाते धन […]

उभारता नित्य देश को निखारता वो हर शक्ख है अपनी अथक परिश्रम से करोड़ो दिलो की धडकन है दो अक्षर का नाम वाला 130 अरब का सेवक है। इतिहास दर इतिहास दर्ज होगा तेरे जीवन के हर पन्नों में क्योंकि तू अकेला नही तेरे पीछे 130 करोड़ का जीवन है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।