उभारता नित्य देश को निखारता वो हर शक्ख है अपनी अथक परिश्रम से करोड़ो दिलो की धडकन है दो अक्षर का नाम वाला 130 अरब का सेवक है। इतिहास दर इतिहास दर्ज होगा तेरे जीवन के हर पन्नों में क्योंकि तू अकेला नही तेरे पीछे 130 करोड़ का जीवन है। […]
राजू को अपनी ही पड़ोस कि एक लडकी से प्यार हो गया ।राजू ने उस लडकी कामिनी (काल्पनिक नाम) को दोस्त बनाया पर वह अपने प्यार का इजहार न कर सका, क्योंकि उसे डर था कि कहीँ वह और घर वाले विरोध न कर दे तो दोस्ती भी टुट जाएगी […]
श्रमिक के श्रम का कब करोगे सम्मान जबकि उनके परिश्रम पर ही टिका है देश का मान। कल-कारखाने हो या हो खेत खलिहान श्रमिक के श्रम बिन सब बंद और बंजर समान। सडक रेल या हवाई सफर श्रम के बिन सब लचर श्रमिक की तो बात निराली अपने श्रम से […]
मजदूर से दूरी क्यों? होती क्यों दूर व्यवस्थाएँ? जबकि वो तो स्तंभ है प्रगति की रोज बनाते नव आकार इनके हाथों से सजी हर वो महल की दर-ओ- दिवार। मजबूरी इनका पीछा न छोड़े मजदूरी करते दिन-रात देश-परदेश की मिट्टी मे रहकर सजते- संवारते अपने हालात। जरूरत की श्रृंगार से […]
अपना क्या है? सब है तेरा सामने, तू है फिर क्यो हो अंधेरा? फासले बढ गये रास्ते बदल गये छा गया अंधेरा अपना क्या है? सब है तेरा सामने, तू है फिर क्यो हो अंधेरा? दूर बस्तियों में है बसेरा है बसेरा मुश्किलो का रोज सामना मेरा सामना मेरा अपना […]
जी जी कहने वालो स्वीकार किया जी हजूरी जी घोषणा पत्र के जरिये पुनः साबित किया कमजोरी जी। जी जी से खुश होते बाहर बैठे आका अब तो घोषणा पत्र में आ गये है टाका जी। नोटबंदी और जीएसटी घरों पर डाले छापा हालत हुई खस्ता एक इलेक्शन में याद […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।